नई दिल्ली । कृषि बिल के विरोध में पिछले डेढ़ महीने से सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का एक बार फिर शुक्रवार दोपहर सरकार के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता होनी है । हालांकि किसान पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर आज भी सरकार के साथ बात नहीं बनी तो कल से हरियाणा में घर घर जाकर किसानों से मुलाकात की जाएगी , वहीं आने वाले दिनों में आंदोलन को और व्यापक स्वरूप दिया जाएगा । हालांकि सरकार ने भी इस आंदोलन को खत्म करने के लिए अब अपनी रणनीतियों में बदलाव करना शुरू कर दिया है । गुरुवार को दिल्ली बॉर्डर के करीब किसानों के टैक्टर मार्च के चलते लोगों को भारी जाम का सामना करना पड़ा था , लेकिन आज स्थिति सामान्य है । इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक बड़ा बयान देकर मामले को गर्मा दिया है ।
बता दें कि किसान संगठनों और सरकार के बीच शुक्रवार को एक बार फिर विज्ञान भवन में बातचीत होगी। किसानों की मांग तीनों कानूनों को वापस लेने, MSP पर गारंटी कानून बनाने की है। सरकार इनमें से MSP के मसले पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन कानून वापस लेने को तैयार नहीं है । सरकार और किसानों के बीच की चर्चा दोपहर 2 बजे होगी ।
केंद्र और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शुक्रवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि सरकार तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है । हालांकि, किसानों की केंद्र सरकार से एक मुख्य मांग नये कृषि कानूनों को वापस लेने की है ।
आंदोलनरत किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता का सरकार की ओर से खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ नेतृत्व कर रहे तोमर ने कहा कि वह अभी नहीं कह सकते हैं कि आठ जनवरी को विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे 40 प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेताओं के साथ होने वाली बैठक का क्या नतीजा निकलेगा?
मंत्री ने पंजाब के नानकसर गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा लखा को गतिरोध खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव देने की बात से भी इनकार किया । वह राज्य के एक जानेमाने धार्मिक नेता हैं ।
हालांकि इससे पहले गुरुवार को किसानों ने दिल्ली से सटी सीमाओं में टैक्टर मार्च निकालते हुए अपनी ताकत दिखाई थी । इसके साथ ही किसानों ने 26 जनवरी को भी इससे भी बड़ी ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है ।
बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी चिंता जताई है , कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से पूछा है कि किसान आंदोलन में आने वाले किसानों की कोरोना को लेकर क्या स्थिति है । क्या ये किसान कोरोना काल के नियमों का पालन कर रहे हैं । सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि कहीं किसानों का यह आंदोलन तबलीगी जमात के लोगों की स्थिति जैसे हालात पैदा न कर दें । सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में रिपोर्ट भी मांगी है ।