नई दिल्ली । कृषि बिल के विरोध में जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच गुरुवार को एक बार फिर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मामले को शांत करने की पहल करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह से मुलाकात की । इस दौरान दोनों ने किसानों की मांग और उसे हल करने के रास्तों पर चर्चा की । गृहमंत्री से मिलने के बाद कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि हम इस विवाद का जल्द से जल्द हल चाहते हैं । पंजाब के किसानों के प्रदर्शन के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी असर पड़ता दिखा है । हमने गृह मंत्री को अपनी बात बता दी है .
बता दें कि दिल्ली एनसीआर में किसानों के प्रदर्शन का असर अब आम जनता के कामकाज पर भी पड़ने लगा है । दिल्ली के सभी बॉर्डर पर लगातार किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है । किसानों ने राशन पानी के साथ बॉर्डर पर डेरा डाल लिया है । इस सबके बीच किसानों और सरकार के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी हैं , लेकिन अभी तक सभी बैठकें बेनतीजा रही हैं । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में सरकार के मंत्रियों का एक प्रतिनिधि मंडल गत दिनों विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधियों से मिला, लेकिन इस दौरान किसी बात पर सहमति नही बन पाई ।
इस सबके बीच सामने आया कि प्रदर्शनकारियों में सबसे ज्यादा किसान पंजाब के हैं । वहीं हरियाणा राजस्थान और यूपी के किसान भी इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं । इस सबके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की ।
बैठक के बाद पंजाब सीएम ने कहा कि उन्होंने सरकार और किसानों दोनों से ही बीच का रास्ता निकालने की अपील की है । अकाली दल के आरोपों पर पंजाब सीएम ने बोलने से इनकार किया ।
विदित हो कि कृषि बिल के विरोध की अगुवाई इस समय पंजाब ही करता नजर आ रहा है । पंजाब के 50 से ज्याद किसान संगठन दिल्ली, हरियाणा की सीमाओं पर डटे हुए हैं, अब उनको धीरे-धीरे यूपी, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात के किसानों का समर्थन भी मिलने लगा है ।
इसी कारण पंजाब सीएम और गृहमंत्री की बैठक को अहम माना जा रहा था। कैप्टन अमरिंदर ने लगातार केंद्र सरकार से मांग की है कि वो किसानों से बात करे और आंदोलन को खत्म करवाए । बता दें कि पंजाब ही देश में ऐसा राज्य था, जिसने सबसे पहले केंद्र के कानूनों के खिलाफ अपनी विधानसभा में बिल पारित किया था ।