पटना । बिहार विधानसभा चुनावों के लिए सियासी रणनीतियां बन गई हैं । इस सबके बीच बिहार में आज विधानसभा चुनावों का शंखनाद हो सकता है । चुनाव आयोग की एक टीम इस समय पटना में हैं और अब से थोड़ी देर बाद वह चुनावों को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकती है । ऐसी खबरे हैं कि बिहार में इस बार तीन चरणों में चुनाव होने जा रहे हैं , जिसकी तारीखों का ऐलान आज चुनाव आयोग कर सकता है । कोरोना काल के दौरान राज्य के 243 सीटों के लिए मतदान और मतगणना की तारीखों का ऐलान अब से थोड़ी देर में हो सकता है । इतना ही नहीं चुनाव आयोग कई विधानसभा उपचुनावों का भी ऐलान कर सकता है । पिछली बार चुनाव आयोग ने 5 सितंबर 2015 को चुनावों की तारीखों का ऐलान किया था । इतना ही नहीं 9 नवंबर 2015 को चुनाव के नतीजे आए थे ।
चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता थोड़ी देर में
बता दें कि पिछले कुछ समय में चुनाव आयोग की टीमें लगातार राज्य में बैठकें कर रही हैं । पिछले दिनों चुनाव आयोग की टीम ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारी और एसएसपी के साथ बैठक की थी । इस सबके बाद चुनाव आयोग ने अपनी गाइडलाइन पहले ही जारी कर दी है , जिसमें दागी नेताओं के लिए काफी मुश्किल होने जा रही है । इतना ही नहीं अब से पहले चुनाव आयोग ने चुनाव को लेकर कुछ नई व्यवस्था की गई है ।
तीन चरणों में होंगे चुनाव
इस तरह की खबर है कि इस बार बिहार विधानसभा 3 चरणों में होगा , जबकि पिछली बार 5 चरणों में हुआ था । हालांकि कोरोना काल के मद्देनजर इस बार बूथ बढ़ा दिए गए हैं । इतना ही नहीं पहली की तुलना में इस बार ज्यादा लोगों की तैनाती चुनाव की ड्यूटी में होगी । सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दशहरा और दीपावली के बीच में सारी प्रक्रिया होने की संभावना है ।
100 चुनावी रैलियों की ही अनुमति
इस सबके बीच चुनाव आयोग साफ कर चुका है कि इस बार बड़ी रैलियां नहीं हो सकेंगी । राजनीतिक दल बस 100 चुनावी रैलियां ही कर सकेंगी । ज्यादा से ज्यादा वर्चुअल माध्यमों से पार्टी नेताओं और मतदाताओं से रू-ब-रू हुआ जा सकेगा । खबर है कि इस बार कोरोना से बीमार मदतादाओं के लिए पीपी किट पहनकर वोट डालने की अनुमति होगी , जबकि उनके लिए डाक वोट की भी व्यवस्था की गई है ।
इस बार चुनाव में हैं यह बड़े मुद्दे
1- बेरोजगारी
2- कानून व्यवस्था
3- सुशांत की मौत
4- भ्रष्टाचार
5- बिजली का संकट
6- बदहाल सड़कें
7- कोरोना संकट
8- बाढ़ की मार
9 - राज्य में अपराध
10- जातिगत समीकरण
11- विस्थापितों का दर्द
दागियों पर कसी नकेल
इस बार चुनाव आयोग ने चुनावों के मद्देनजर जो गाइडलाइन जारी की है , उसके अनुसार इस बार दागी विधायकों को अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों को तीन बार अखबार में प्रकाशित करवाना होगा । ऐसा नहीं करने पर उनका आवेदन रद्द किया जा सकता है । इतना ही नहीं अगर वह इस दौरान कोई जानकारी छिपाते हैं तो भी उनका आवेदन रद्द होगा । इतना ही नहीं अपने खिलाफ दर्ज मामलों को अखबार में प्रकाशित करवाने पर अब मतदाता उसे उम्मीदवार को किस तरह लेगें , यह आने वाले वक्त बताएगा ।