Saturday, April 20, 2024

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क्या परिवार टूटने से बचा पाएंगे लालू या इस बार इस्तीफा देकर ही खत्म होगी तेज प्रताप यादव की नाराजगी

अंग्वाल न्यूज डेस्क
क्या परिवार टूटने से बचा पाएंगे लालू या इस बार इस्तीफा देकर ही खत्म होगी तेज प्रताप यादव की नाराजगी

पटना । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के लिए पारिवारिक कलह एक बार फिर मुसीबत बन गई है. उत्तराधिकार को लेकर कई बार बगावती तेवर दिखा चुके उनके पुत्र तेज प्रताप यादव एक बार फिर गुस्से में हैं और एक दिन पहले ट्वीट करके इस्तीफा देने की धमकी भी दे चुके हैं. हालांकि, उन्होंने जिस तरह से पिता से मिलने के बाद इस्तीफा देने की बात कही, उससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या लालू इस बार भी उन्हें समझा-बुझाकर अपना परिवार टूटने से बचा लेंगे.

पिता से मिलकर देंगे इस्तीफा!

अपने गुस्सैल स्वभाव के लिए चर्चित तेज प्रताप यादव ने इस बार भी पार्टी के कुछ लोगों पर अपने खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने सोमवार शाम एक ट्वीट करके कहा कि वह जल्द ही अपने पिता से मिलने के बाद अपना इस्तीफा दे देंगे. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि पार्टी से इस्तीफा देंगे या विधानसभा की सदस्यता से. माना जा रहा है कि पिता का आशीर्वाद लेने के बाद पद छोड़ने की बात कहकर खुद तेज प्रताप ने भी अपने लिए रास्ता पूरी तरह बंद नहीं किया है. तेज प्रताप ने सोमवार शाम अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैंने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने का काम किया है, सभी कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान दिया. पिता से मिलकर अपना इस्तीफा दे दूंगा.’

पहली बार नहीं दिखाई है ऐसी नाराजगी


वैसे, यह पहला मौका नहीं है जब तेज प्रताप ने बगावती तेवर दिखाए हैं. वे गाहे-बगाहे पार्टी और परिवार के खिलाफ मोर्चा खोले नजर आते हैं और फिर लालू यादव के समझाने पर मान जाते हैं. गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में भी वह परिवार के प्रति नाराजगी जताते हुए अपने आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे, जिसके बाद लालू यादव ने वहां पहुंचकर उन्हें मनाया था. फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि वह अपने पिता से कब मिलने वाले हैं जो कि चारा घोटाला के सिलसिले में इस समय जेल की सजा काट रहे हैं. बहरहाल, उन्होंने अपने इस्तीफे की बात ऐसे समय पर कही है जब राजद के ही एक पदाधिकारी ने उन पर मारपीट का आरोप लगाया है. राजद की युवा इकाई के नेता रामराज यादव ने आरोप लगाया है कि हाल ही में राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी के दौरान तेज प्रताप ने उन्हें कमरे में बंद करके पीटा था और अपने भाई तेजस्वी यादव को जमकर गालियां दी थीं.

राजनीतिक उत्तराधिकार नाराजगी की एक बड़ी वजह

तेज प्रताप और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के बीच उत्तराधिकार की लड़ाई जगजाहिर रही है. हालांकि, लालू यादव सार्वजनिक तौर पर तेजस्वी को अपना राजनीतिक वारिस घोषित कर चुके हैं. लेकिन, तेज प्रताप भी खुद को लालू का राजनीतिक वारिस साबित करने की कोशिश करते रहे हैं. 2019 में विधानसभा चुनाव के ऐन पहले प्रत्याशी तय करने को लेकर अपनी सलाह न माने जाने से नाराज तेज प्रताप ने लालू राबड़ी मोर्चा बनाने का ऐलान कर दिया था. हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या अलग राजनीतिक पार्टी है, वह उसे और राजद को एक ही बताते थे. पिछले साल अपने एक सहयोगी को पार्टी की छात्र इकाई से निकाले जाने के बाद उन्होंने छात्र जनशक्ति परिषद का गठन भी किया था.

 

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