नई दिल्ली । गुजरात सरकार द्वारा गठित SIT ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एक हलफनामा कोर्ट में दायर किया है , जिसमें उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल के इशारे पर तीस्ता द्वारा गुजरात सरकार और तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की साजिश रचने का दावा किया है । इस खुलासे के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर सीधे सीधे हमला बोला है । भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा - तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात सरकार को गिराने और पीएम मोदी को फंसाने के लिए जो कुछ भी किया, वह कांग्रेस के इशारे पर किया गया था। उन्होंने कहा, कांग्रेस द्वारा तीस्ता को करीब 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। लेकिन इस रकम को देने वाले भले ही अहमद पटेल रहे हों , लेकिन देने के पीछे हाथ सोनिया गांधी का था ।
सत्ता पाने के लिए रची साजिश
संबित पात्रा ने इस दौरान कहा - जो कुछ भी किया वह सिर्फ गुजरात और मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया था। यह पूरी साजिश सत्ता पाने के लिए रची गई थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी तिजोरी से तीस्ता सीतलवाड़ को पर्सनल यूज के लिए पैसे दिए थे। उन्होंने कहा, इस पूरे खेल को अहमद पटेल ने अंजाम दिया था, लेकिन इसके पीछे सोनिया गांधी ही थीं। दरअसल, अहमद पटेल उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे।
अहमद पटेल के साथ हुई कई बैठक
एसआईटी ने अपने हलफनामे में तीस्ता के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल पर गंभीर आरोप लगाए । वह बोले - आरोपी सीतलवाड़ ने शुरू से ही इस षड़यंत्र का हिस्सा बनना शुरू कर दिया था। उन्होंने गोधरा ट्रेन की घटना के कुछ दिनों बाद ही अहमद पटेल के साथ बैठक की थी और पहली बार में उन्हें पांच लाख रुपये दिए गए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के निर्देश पर एक गवाह ने उन्हें पैसे दिए। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि दो दिन बाद शाहीबाग में सरकारी सर्किट हाउस में पटेल और सीतलवाड़ के बीच हुई बैठक में गवाह नेव पटेल के निर्देश पर सीतलवाड़ को 25 लाख रुपये और दिए।
राहुल को चमकाने के लिए साजिश
संबित पात्रा ने कहा कि यह पूरी साजिश गुजरात में सत्ता पर काबिज होने के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी की छवि धुमिल करने और राहुल गांधी को राजनीति में चमकाने के लिए रची गई थी । वह बोले - रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में दिया गया कैश किसी राहत संबंधी कोष का हिस्सा नहीं था। इसमें यह भी कहा गया है कि इन बैठकों में कई राजनीतिक नेताओं की मौजूदगी की भी पुष्टि होती है।