नई दिल्ली । सीबीएसई की इस साल बोर्ड परीक्षा स्थगित होने के बाद बोर्ड ने मार्किंग प्लान बनाया है , जिसका पिछले दिनों ऐलान किया गया । लेकिन CBSE की 12वीं कक्षा के छात्र इस मार्किंग प्लान से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट में बोर्ड के इस फैसले को चुनौती दी है । करीब साढ़े 11 सौ छात्रों के वकील मनु जेटली ने कोर्ट में इन छात्रों की ओर से एक याचिका दाखिल की है , जिसमें लंबे समय से 12वीं में पास होने के इंतजार में बैठे छात्रों , कंपार्टमेंट वाले छात्र , पत्राचार वाले छात्रों , ड्रॉप आउट करने वाले छात्रों समेत प्राइवेट 12वीं की परीक्षा देने के लिए बैठे छात्रों के लिए नीति बनाने को कहा गया है ।
बता दें कि कोरोना काल के चलते इस साल सीबीएसई समेत कई बोर्ड ने अपनी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करते हुए उनके लिए एक मार्किंग प्लान बनाया है , जिसमें उनके पूर्व में दी गई प्री बोर्ड परीक्षाओं समेत पूर्व की कक्षाओं में उनके प्रदर्शन को आधार बनाते हुए इस बार रिजल्ट तैयार करने का ऐलान किया है ।
सीबीएसई ने भी 12वीं के लिए एक ऐसा ही प्लान तैयार किया है , जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है । इसके तहत 12वीं के छात्रों की मार्किंग के लिए उनके 10वीं के नंबर , 11वीं के नंबर और 12वीं के प्री बोर्ड के नंबरों को आधार बनाते हुए छात्रों का रिजल्ट बनाया जाएगा।
लेकिन अब करीब 1152 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए उन छात्रों के लिए नीति बनाने की मांग की है , जो इस बार पत्राचार से परीक्षा देने वाले थे , ड्रॉप आउट होने वाले छात्रों , कंपार्टमेंट वाले छात्र समेत प्राइवेट से 12वीं की परीक्षा देने को बैठे थे । याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई ने ऐसे छात्रों और परीक्षार्थियों के लिए जो स्कीम बनाई है , वह उदासीन है । यह समानता के अधिकार का उल्लंघन है ।