नई दिल्ली । पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर गतिरोध चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है । इस सबके बीच खबर है कि सोमवार रात चीनी सेना ने फायरिंग की , जिसका भारतीय जवानों ने करारा जवाब दिया है । इस घटना को लेकर भारतीय सेना की ओर से मीडिया को ब्रीफ दिया गया है। भारत ने कहा कि चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सैन्य और राजनयिक स्तर पर हो रही बातचीत के बीच समझौते का उल्लंघन कर रहा है और आक्रमक युद्धाभ्यास कर रहा है । ऐसे में हमारी सेना भी पूरी तरह तैयार है , लेकिन भारत, जहां एलएसी पर तनाव कम करने के लिए प्रतिबद्ध है । हालांकि चीन आगे बढ़ने के लिए उत्तेजक गतिविधियां कर रहा है ।
भारतीय सेना की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार , 7 सितंबर 2020 को पीएलए सैनिकों ने हमारे एक फॉरवर्ड पोजिशन पर कब्जे की साजिश रची, हमारे सैनिकों की जवाबी कार्रवाई किए जाने पर पीएलए ने हवाई फायरिंग की । इसके चलते उन्होंने भारतीय जवानों को डराने की कोशिश की, हालांकि गंभीर उकसावे के बावजूद हमारे सैनिकों ने बड़े संयम का परिचय दिया और परिपक्वता दिखाते हुए जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया ।
सेना की विज्ञप्ति में कहा गया है कि हम शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हालांकि हर कीमत पर राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं । चीन के वेस्टर्न थिएटर कमांड का बयान उनके घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों को गुमराह करने का एक प्रयास है ।
वहीं चीनी सेना के वेस्टर्न कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शुली का कहना है कि भारतीय सेना ने पेंगोंग लेक के दक्षिणी इलाके में शेपाओ माउंटेन के पास घुसपैठ की । दोनों देशों के बीच जो समझौता हुआ, उसे भारतीय सेना ने तोड़ा है । चीन ने कहा कि भारतीय सेना को तुरंत अपने जवानों को LAC से पीछे हटाना चाहिए।
चीन के इन आरोपों पर भारत ने कहा कि हमारी ओर से किसी भी स्तर पर भारतीय सेना ने एलएसी पार नहीं किया और फायरिंग सहित किसी भी आक्रामकता का इस्तेमाल नहीं किया गया है।