नई दिल्ली। चीन के साथ जारी सीमा विवाद के मामलों में एक बार फिर से चीन की प्रतिक्रिया आई है । चीन ने भारत के साथ जारी सीमा विवाद के मुद्दे पर कहा कि हम दोनों देश इस मुद्दे को आपसी बातचीत से सुलझा लेंगे । असल में लद्दाख में चीन की ओर से किए जा रहे निर्माण कार्य से उपजे विवाद के बीच चीन की यह प्रतिक्रिया आई है। चीन ने कहा कि हम द्विपक्षीय वार्ता के जरिए विवाद को सुलझा लेंगे । भारत भी इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्तता के पक्ष में नहीं है । हालांकि भारत ने अभी इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया है ।
बता दें कि गत दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जापान के पीएम किंशिंदा के साथ 80 मिनट की वर्चुअल बैठक की थी , इस दौरान उन्होंने चीन की विस्तारवादी नीतियों का जमकर विरोध किया था । चीन के चीन सागर के साथ ही भारत-प्रशांत सागर क्षेत्र में बढ़ते दखल को लेकर भी चिंता जताई थी । इस दौरान बाइडेन ने ताइवान के मुद्दे को लेकर भी चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी । इतना ही नहीं चीन को हड़काते हुए उन्होंने कहा था कि भारत में चीन की हरकतों पर भी हमारी कड़ी नजर है । ट
इसी क्रम में गत दिनों व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि हम लद्दाख क्षेत्र के साथ दुनिया भर में चीन की हरकतों पर नजर रखे हुए हैं । हमें आशंका है कि यह अस्थिर करने वाली बातें हैं । हम चीन सरकार के अपने पड़ोसियों को डराने धमकाने और उनकी विस्तारवादी सोच से चिंतित हैं।
इस सबके बाद ब चीन के रक्षामंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि अमेरिका के कुछ राजनीतिज्ञ दमन शब्द के इतने आदि हो गए हैं कि वह भूल जाते हैं कि अमेरिका ही दबाव की राजनीति के जनक है । लेकिन हम बता देना चाहते हैं कि न तो चीन किसी के खिलाफ दबाव की राजनीति करता है और न ही किसी के दबाव में आता है । जहां तक भारत के साथ सीमा विवाद की बात तो हम साफ कर देना चाहते हैं कि हम भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता के जरिए विवाद को सुलझा लेंगे ।
इतना ही नहीं वू कियान ने लद्दाख क्षेत्र को लेकर भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए 12 जनवरी को 14वें दौर की बैठक करने से पहले अमेरिकी बयान की कड़ी निंदा की । हम द्विपक्षीय बैठकों के माध्यम से गतिरोध को खत्म कर देंगे । लेकिन भारत और हमें इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्तता की जरूरत नहीं है ।