नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने एक ऐसा बयान दे डाला है कि अब कांग्रेस पार्टी उन्हें भारतीय जनता पार्टी का एजेंट करार दे रही है। असल में अपने एक बयान में ममता बनर्जी ने कहा कि अगर भाजपा एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मु के बारे में विपक्ष को बताती तो संभवत विपक्ष उनके नाम पर ही समर्थन दे सकता था।
उन्होंने कहा कि मुर्मू के पास 18 जुलाई को होने वाला राष्ट्रपति चुनाव जीतने की बेहतर संभावनाएं हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद NDA की स्थिति मजबूत हुई है। बनर्जी ने कहा, ‘एक आम सहमति वाला उम्मीदवार हमेशा देश के लिए बेहतर होता है।’ अगर BJP ने मुर्मू के नाम की घोषणा करने से पहले हमारा सुझाव मांगा होता, तो हम भी व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार कर सकते थे।
अपने बयान में वह बोलीं ‘हम एक महिला को मैदान में उतारने की कोशिश करते। कुछ 16-17 राजनीतिक दल फैसला लेने के लिए एकजुट हुए थे, मैं अकेले फैसला नहीं कर पाऊंगी। मैं चाहती हूं कि राष्ट्रपति चुनाव शांति से हो, मेरे मन में सभी जातियों, धर्मों और पंथों के लिए समान आदर है। उन्होंने कहा, ‘मुझे दुख है कि ऐसे कॉम्पीटशन हो रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि सभी दलित, सभी आदिवासी हमारे साथ हैं। हम लोगों के बीच विभाजन नहीं करते हैं।
हालांकि उनके इस बयान पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि तृणमूल प्रमुख ने ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर बयान दिया। वह बोले - ममता बनर्जी ने मोदी के साथ एक गुप्त समझौता किया और वो एक बार फिर उजागर हो गया। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार का चयन किया और हमने उसका समर्थन किया। हमारी मनमौजी 'दीदी' अब BJP एजेंट के रूप में काम कर रही हैं। BJP द्रोपदी के साथ चुनाव में उतरी। BJP ने संख्या बल सुनिश्चित करने के बाद मुर्मू को मैदान में उतारा है...यह कोई बड़ी खोज नहीं है कि मुर्मू जीतेंगी।