नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण अभियान की शुरुआत की । इस दौरान उन्होंने देश में पहले चरण के टीकाकरण की शुरुआत करते हुए कहा कि भले ही अब तक हम दो गज की दूर है जरूरी...जब तक दवाई नहीं , तब तक ढिलाई नहीं....के बाद देश की जनता से आह्वान किया कि ''दवाई भी कड़ाई भी'' । उन्होंने देश की जनता से कहा कि टीका लगने के बाद भी लोग अपनी पूर्व में जारी सावधानियों को बरतना बंद न कर दें । इसी में मानव जाति का कल्याण है । पीएम मोदी ने कहा कि इस समय देश में दो - दो वैक्सीन उपलब्ध हैं, यह देश के उन वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है , जिन्होंने पिछले कुछ महीनों से अपने दिन रात एक कर दिए थे । पीएम मोदी बोले - जिन्हें सबसे ज्यादा टीके की जरूरत है , जो सबसे ज्यादा खतरे में है , उसे सबसे पहले टीका लगाया जाएगा , मसलन - डॉक्टर , नर्स , हेल्थ वर्कर्स , सफाई कर्मी , सुरक्षाबल आदि ।
जानें पीएम मोदी ने अपने संबोधन में और क्या कहा...
-भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है ।
- मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी ।
- आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं। लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं ।
- कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है। इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा ।
-पीएम मोदी बोले - पिछले साल आज का ही दिन था जब हमने बाकायदा सर्विलांस शुरु कर दिया था । संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और दूसरे Frontline Workers ।
- भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए। 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था।
- इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है ।
- दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका ।