नई दिल्ली । देश में एक बार फिर से कोरोना को लेकर हलचल मची हुई है । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ही बात करें तो पिछले 6 दिनों में दिल्ली में 630 लोगों की मौत कोरोना के चलते हुई है । इसके साथ ही देश के कुछ राज्यों में कर्फ्यू भी लगाया गया है । दहशत के ऐसे हालातों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि आखिर भारत में कब तक कोरोना की वैक्सीन आएगी और पहले किन लोगों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी । इसके साथ ही उन्होंने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी बताया ।
भारत में 5 वैक्सीन का काम अंतिम चरण में
जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग का यह 11वां महीना चल रहा है । लेकिन अभी भी दुनिया भर की कई कंपनियां इसकी वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं । उन्होंने कहा - पूरी दुनिया में 250 कोरोना वैक्सीन कंपनी हैं , जिनमें से 30 की नजर भारत पर है । भारत में भी पांच वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है । उन्होंने संभावना जताई कि हमें अगले साल फरवरी मार्च तक वैक्सीन मिल जाएगी । इसके बाद अगले साल के सितंबर तक 25 से 30 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन दी जाएगी।
पहले 65 वर्ष से ज्यादा वालों को वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान कहा कि जैसे ही देश में वैक्सीन आएगी , सबसे पहले हेल्थ वर्कर को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी । इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर, पुलिस और पैलामिलिट्री फोर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी । इसके बाद 65 साल से ऊपर के उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगेगी . फिर 50 साल से अधिक के ग्रुप को और फिर कोमर्बिडिटी के मरीजों को ।
बेहतर है भारत की स्थिति
उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर भारत सरकार के प्रयासों का असर देखने को मिला है । भारत में स्थिति भयंकर से भयंकर होने के बाद भी कंट्रोल में है । देश में 90 लाख कंफर्म केस में करीब 85 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं । इतना ही नहीं दुनिया में मरीजों के ठीक होने का सबसे ज्यादा रिकवरी रेट भारत का ही है । हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि देश के कुछ शहरों में कोरोना के हालात चिंताजनक हैं । पिछले समय में कोरोना के केस बढ़े हैं । ह
दिल्ली में फिर केंद्र ने दिया दखल
उन्होंने कहा कि एक बार फिर से दिल्ली में हालात खराब होने पर केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ा है । दिल्ली के हालत को कंट्रोल में लाने के लिए केंद्र ने दो बार दखल दिया था । राज्य सरकार को बकायदा सभी तरह की जानकारी दी गई। इसका परिणाम यह रहा है कि कोरोना का खतरा कम हुआ ।