नई दिल्ली । स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के मरीजों के डिस्चार्ज को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है । मंत्रालय का कहना है कि कोविड की रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद अगर तीन दिन तक बुखार न आए तो मरीज को डिस्चार्ज समझा जाए । इतना ही नहीं ऐसे शख्स को दोबारा टेस्ट करवाने की जरूरत भी नहीं होगी । स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये नीति विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से बनाई है । सरकार का कहना है कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन में अस्पताल में भर्ती होने के मामले बहुत कम हैं। विश्व में ओमिक्रोन के चलते अब तक जहां 115 लोगों की मौत हुई है, वहीं इसमें से भारत में सिर्फ एक ही मौत हुई है ।
विदित हो कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना की स्थिति का जायजा लेने के बाद अब मरीजों को तीन वर्गों में बांटा है । इनमें मरीजों को संक्रमण की हल्के , मध्यम और गंभीर श्रेणी में रखा गया है । इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों को डिस्चार्ज करने की जो नीति है
उसमें बदलाव किया है । अब अगर हल्के लक्षण वाले मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद तीन दिन तक उसे बुखार न आए तो उसे डिस्चार्ज माना जाएगा । ऐसे शख्स को अपना कोरोना का टेस्ट भी दोबारा करवाने की जरूरत नहीं है ।
वहीं मध्यम लक्षण वाले मरीज को तीन दिन तक बुखार नहीं आता है और उसका ऑक्सीजन सैचुरेशन बिना सपोर्ट के 93 है तो उसे डॉक्टर की सलाह पर डिस्चार्ज किया जा सकता है। इस दौरान भी मरीज को टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है ।
वहीं गंभीर लक्षण वाले मरीजों को , जिन्हें लगातार ऑक्सीजन दी जा रही है , उनका सैचुरेशन लेवल ठीक नहीं होने तक उनका इलाज जारी रहेगा । ऐसे मरीज सिर्फ डॉक्टरों की सलाह पर ही डिस्चार्ज किए जाएंगे ।