Wednesday, April 17, 2024

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पेंगॉंग झील विवाद पर चीन के साथ समझौता हुआ , हमने कुछ नहीं खोया - रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

अंग्वाल न्यूज डेस्क
पेंगॉंग झील विवाद पर चीन के साथ समझौता हुआ , हमने कुछ नहीं खोया - रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में चीन के साथ LOC विवाद को लेकर बयान जारी किया । इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने बातचीत को आगे बढ़ाते हुए उत्तर दक्षिण किनारों से सेनाएं पीछे हटने के मुद्दों पर समझौता किया है । संसद में चीन पर बड़ा बयान देते हुए उन्होंने कहा कि LAC पर पिछले साल अप्रैल जैसी स्थिति बहाल करने के लिए भारत और चीन के बीच समझौता हुआ है । इसके तहत दोनों देश की सीमाएं धीरे -धीरे पीछे हटेंगी। हालांकि फिंगर 8 पर अभी भी कुछ मुद्दों पर बातचीत पूरी नहीं हुई है , लेकिन आगे इस मुद्दे पर बात होगी । इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में हुई गतिविधियों के बाद अब भारत LAC पर मजबूत स्थिति में है। हमने कुछ भी नहीं खोया है । 

बता दें कि हाल में चीन के उच्चाधिकारियों समेत कई समकक्षों के साथ भारतीय रक्षा मंत्री , विदेश मंत्री और एनएसए ने बातचीत की है , जिसके बाद अब दोनों और से आम सहमति बनी है । इसके बाद अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बनाने पर सहमति बन गई है । दोनों देशों ने पैंगॉंग झील के विवाद को खत्म होने की बात कही , हालांकि उन्होंने इस दौरान साफ किया कि तीन मुद्दों के चलते ही आगे की शांति बरकरार रहेगी । 

उन्होंने कहा - तीन दोनों पक्षों द्वारा एलओसी को माना जाए , किसी भी पक्ष द्वारा स्थिति को बदलने का काम न किया जाए । 


उन्होंने अपने बयान में कहा - भारत चीन सीमा पर मैंने गत वर्ष भी बयान दिया था , मैंने कहा था कि चीन ने ईस्टर्न लद्दाख ने सीमा पर गोला बारूद एकत्र कर लिया है । इसके साथ ही कुछ और भी साजिशें की थी , जिसकी भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की थी , इस दौरान कई जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था । महोदय पिछले साल कई स्तर पर भारत चीन सेना ने बातचीत की , ताकि LAC पर शांति बनी रहे । 62 युद्ध के बाद से चीन ने लद्दाख के काफी क्षेत्र में अपना कब्जा किया हुआ है । 

वह बोले - चीन का भारत की बड़ी भूमि पर कब्जा है । चीन अरुणाचल सीमा पर भी अपना अधिकार बताता है , जिसे भारत ने कभी स्वीकार नहीं किया है , लेकिन इस दौरान भारत लगातार बातचीत के जरिए इन मुद्दों को सुलझाने का पक्षधर है । चीन भी यह बात जानता है कि इस मुद्दे को लेकर हमारे संबंधों पर असर पड़ता है । पिछले दिनों चीन के द्वारा उठाए गए कदमों के चलते संबंधों पर असर पड़ा है । 

रक्षामंत्री ने अपने बयान में कहा - गत दिनों चीन ने बड़ी संख्या में गोला बारूद LOC और LAC के पास और पीछे एकत्र कर लिया है । हालांकि भारत ने भी इन सभी चुनौतियों का डटकर सामाना किया है । सामरिक दृष्टि से अहम स्थानों को चिन्हित करके हमने वहां अपनी पैठ बनाई है । भारतीय सेनाओं के शौर्य के चलते हमारी संप्रभुता को बचाए रखने में कामयाब हुए हैं । हमारी सेना कई अहम पोस्ट पर तैनात है । 

इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे बीच पैंगॉन झील पर जारी विवाद पर आम सहमति बन गई है । दोनों पक्ष पीछे हटने के लिए राजी हुए , अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बन जाएगी । समझौते के 48 घंटों के भीतर दोनों देशों के कमांडर मिलेंगे । हालांकि उन्होंने कहा - अभी भी कुछ मुद्दे बचे हैं , जिनपर आगे की बातचीत होगी । समझौते के तहत धीरे धीरे सेना हटेगी । 

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