नई दिल्ली । दिल्ली में कोरोना के एक बार फिर से बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर से लॉकडाउन किए जाने की जरूरत नहीं है । हां एहतियात के तौर पर बाजारों को कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है । हालांकि इससे पहले मंगलवार सुबह सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन लगाया जा सकता है । उन्होंने शादी समारोह में 200 लोगों के शामिल होने की व्यवस्था को खारिज करते हुए सिर्फ 50 लोगों को ही शामिल होने के आदेश दिए थे । इस सबके बीच पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 6,396 नए मामले सामने आए हैं । हालांकि दिल्ली नोएडा बॉर्डर पर हुई औचक जांच में सुबह 30 लोगों की कोरोना जांच हुई , जिसमें से कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया ।
बता दें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं । दिल्ली में हर घंटे कोरोना से करीब 4 मौत हो रही है । वहीं इसके इलाज के लिए अस्पतालों में आईसीयू में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है और ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों के इंतजाम किए जा रहे हैं ।
असल में दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन की अटकलें बढ़ गई थीं । हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन बिल्कुल नहीं होगा । यहां इसकी कोई आवश्यकता नहीं है । कुछ स्थानीय प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. अभी अधिकतम टेस्ट किए जा रहे हैं, जिसकी संख्या और बढ़ पाएगी ।
इससे पहले मंगलवार सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना की स्थिति को लेकर ताजा अपडेट दिया । वह बोले - दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए हमने शादी समारोह में 200 लोगों तक शामिल होने की इजाजत को वापस ले लिया है । अब सिर्फ 50 लोग ही शादी समारोह में शामिल हो सकते हैं । वहीं दिल्ली सरकार, कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी, जिसमें नियमों के उल्लंघन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना होने की स्थिति में दिल्ली के भीड़भाड़ वाले बाजारों को अस्थाई रूप से बंद करने की अनुमति मांगेगी ।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना की स्थिति सामान्य होने पर पहले 50 से यह संख्या 200 तक बढ़ाई गई थी, जिसे अब फिर से वापस ले लिया गया है । सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड की संख्या पर्याप्त है, लेकिन आईसीयू वाले बेड की कमी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने मदद की है