नई दिल्ली । केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस - वे ( Delhi-Mumbai Expressway ) का काम बहुत अच्छी गति से चल रहा है । इस प्रोजेक्ट को हम समय से पहले ही पूरा कर लेंगे । इस एक्सप्रेस वे के पूरा हो जाने के बाद दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी आधी रह जाएगी । पहले जहां सड़क मार्ग से 24 घंटे लगते थे वहीं अब 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई पहुंचा जा सकेगा । उन्होंने इस एक्सप्रेस वे के कामकाज की मुआयना करने के दौरान कहा कि देश के इस सबसे लंबे एक्सप्रेसवे को पूरा करने का काम तेजी से चल रहा है । इस मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
यह एक्सप्रेसवे देश के छह राज्यों से गुजरेगा, जिसमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं । इस एक्सप्रेसवे की वजह से जयपुर किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरों तक आना जाना आसान हो जाएगा ।
बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का जायजा लेने पहुंचे परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हम समय से पहले इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लेंगे । इसके बाद लोगों के लिए दिल्ली मुंबई का सफर आधा रह जाएगा । इस दौरान गडकरी ने एक किस्सा शेयर करते हुए कहा कि शादी के बाद जब महाराष्ट्र में सड़क बनवा रहा था तो रास्ते मे पड़ रहा ससुराल का घर भी तोड़ना पड़ा था ।
विदित हो कि इस एक्सप्रेस वे की आधारशिला परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज ने 9 मार्च 2019 को रखी थी । इस 8 लेन एक्सप्रेसवे पर मौजूदा समय में बहुत तेजी से काम हो रहा है । 1380 किलोमीटर में से 1200 किलोमीटर पर काम चल रहा है, जबकि 375 किलोमीटर सड़क पूरी हो चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार , इसे बनाने में कुल 98 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
ये हैं इस प्रोजेक्ट की खास बातें...
- इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली से मुंबई की दूरी 130 किलोमीटर कम हो जाएगी।
- इस दूरी के कम होने से 320 मिलियन लीटर ईंधन की बचत होगी और 850 मिलियन किलोग्राम कॉर्बन डाई ऑक्साइड (CO2) का उत्सर्जन कम होगा ।
- एक्सप्रेसवे के किनारे 20 लाख पेड़ लगेंगे, जिससे पर्यावरण को फायदा होगा ।
- वन्य क्षेत्रों और वन्य जीवन को ध्यान में रखते हुए 3 एनिमल और 5 ओवरपास बनाए जा रहे है यानी इस एक्सप्रेसवे के नीचे और ऊपर से कई जगह जंगली जानवरों के मूवमेंट हो सकेगा ।
- इस एक्सप्रेसवे पर टोल कलेक्शन रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक के जरिए होगा ।
- इसमे 2 कॉरोडोर अलग से बन रहे हैं , NHAI का कहना है कि अभी 8 लेन तैयार हो रहा है, जरूरत पड़ने पर 12 लेन का बनाया जा सकेगा ।