नई दिल्ली । किसानों के कृषि बिल संबंधी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने हंगामा करने वाले किसानों को पकड़कर स्थायी जेल में भेजने की रणनीति बनाई है । इसी क्रम में दिल्ली पुलिस ने 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की योजना बना ली है , जिसपर तेजी से काम हो रहा है । हालांकि अभी पुलिस ने इसके लिए सरकार से इजाजत मांगी है , जिसपर जल्द ही मुहर लग जाने की बात कही जा रही है । ऐसे में दिल्ली सीमा पर हंगामा कर रहे किसानों को पुलिस इन अस्थायी जेल में बंद करेगी । हालांकि पार्टी के नेताओं का कहना है कि दिल्ली सरकार को दिल्ली पुलिस की इस अर्जी को खारिज कर देना चाहिए , क्योंकि किसान कोई आतंकी नहीं है, वह अपनी मांग को लेकर दिल्ली आ रहे हैं ।
बता दें कि पंजाब से चले कृषि बिल विरोधी प्रदर्शन के बाद किसानों का काफिला अब राजधानी दिल्ली के पास पहुंच गया है । अंबाला - लुधिया बॉर्डर पर गुरुवार को भारी हिंसक प्रदर्शन के बाद अब किसान तमाम रुकावटों को दूर करते हुए दिल्ली के करीब पहुंच गए हैं । इस सबके मद्देनजर ऐसे में अब दिल्ली पुलिस ने अपनी तैयारी बढ़ा दी है । राजधानी में पुलिस स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने की तैयारी में है, इसके लिए सरकार से इजाजत मांगी गई है । दूसरी ओर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कह दिया है कि सरकार ने किसानों को तीन दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। हालांकि, किसानों का कहना है कि वो अब सीधे पीएम नरेंद्र मोदी से बात करेंगे ।
ऐसी सूचना मिली है कि दिल्ली पुलिस ने राज्य सरकार से शहर के नौ स्टेडियम को अस्थाई जेल में तब्दील करने की इजाजत मांगी है । अगर दिल्ली में प्रदर्शन बढ़ता है तो किसानों को इन स्थानों पर लाया जा सकता है। इससे इतर , आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का कहना है कि राज्य सरकार को दिल्ली पुलिस की अस्थाई जेल बनाने की अपील को ठुकरा देना चाहिए । किसान अपने हक की बात कर रहे हैं वो कोई आतंकी नहीं हैं ।
आपको बता दें कि पंजाब से चले किसान हरियाणा के रास्ते दिल्ली आ रहे हैं. देर रात तक किसान पानीपत तक पहुंचे थे, अब दिल्ली बॉर्डर के कुछ ही करीब हैं । शुक्रवार सुबह पुलिस और किसानों के बीच सिंधु बॉर्डर पर बहस हुई, पुलिस ने किसानों को वापस जाने को कहा। लेकिन किसानों ने वापस जाने से इनकार कर दिया है और दिल्ली में रामलीला मैदान-जंतर मंतर जाने पर अड़ गए हैं ।