नई दिल्ली । हिंदी को मातृभाषा कहे जाने का विवाद पिछले दिनों बॉलीवुड और साउथ की फिल्म इंडस्ट्री टॉलीवुड के बीच नजर आया । इस मामले में काफी बयानबाजी होने के बाद अब द्रमुक सांसद टीकेएस एलंगोवन (DMK MP TKS Elangovan) ने इस भाषाई जंग में एक बड़ी विवादित टिप्पणी की है । उन्होंने हिंदी को अविकसित या बीमारू राज्यों की भाषा करार दिया । साथ ही उन्होंने इस मामले में जातिवादी टिप्पणी करते हुए कहा कि हिंदी केवल शूद्रों के लिए है।
अपने एक बयान में टीकेएस एलंगोवन बोले, 'हिंदी केवल अविकसित राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मातृभाषा है। वह बोले - पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब को देखें। क्या ये सभी विकसित राज्य नहीं हैं? हिंदी इन राज्यों के लोगों की मातृभाषा नहीं है। वह बोले कि हिंदी हमें शूद्रों में बदल देगी। हिंदी हमारे लिए अच्छी नहीं होगी।
अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक के दौरान कहा था कि हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। इसे स्थानीय भाषाओं के विकल्प के तौर पर नहीं देखना चाहिए।
बता दें कि पिछले दिनों अभिनेता अजय देवगन और साउथ के फिल्म निदेशक और अभिनेता किच्ची सुदीप के बीच भी हिंदी को मातृभाषा कहे जाने पर विवाद सोशल मीडिया पर छा गया था । असल में कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप ने KGF: चैप्टर 2 को एक कन्नड पैन इंडिया फिल्म कहे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "हिंदी अब राष्ट्र भाषा नहीं है तो अब राष्ट्र भाषा कौन सी है? पैन इंडिया क्या है क्योंकि हम दक्षिण से आते हैं तो हमें पैन इंडिया कह दिया जाता है। हिंदी को पैन इंडिया क्यों नहीं कहा जाता है? ये हमारी तमिल, तेलुगू, मलयालम फिल्में डब करते हैं। दक्षिण भारत की फिल्में वहां अच्छा कर रही हैं।"
सुदीप के इस बयान पर अजय देवगन ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी और दक्षिण की फिल्मों को हिंदी में डब किए जाने पर सवाल पूछा। उन्होंने लिखा, 'किच्चा सुदीप मेरे भाई, आपके अनुसार अगर हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फिल्मों को हिंदी में डब करके क्यों रिलीज़ करते हैं? हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्र भाषा थी, है और हमेशा रहेगी। जन गण मन।'
देवगन की प्रतिक्रिया के बाद सुदीप ने सफाई देते हुए कहा कि उनका मकसद किसी को दुख या ठेस पहुंचाना नहीं था और उनकी बात अलग रूप में देवगन तक पहुंची। उन्होंने कहा, "हमारे देश की हर भाषा से मुझे प्रेम है... सर, आपने जो हिंदी में लिखा, मैं उसे समझ सकता हूं... क्योंकि हम सभी हिंदी का सम्मान करते हैं। लेकिन मैं यह सोच रहा था कि अगर मैं अपनी प्रतिक्रिया कन्नड़ में लिखता तो इस पर क्या होता।'