नई दिल्ली । अपने पड़ोसी देशों के साथ जारी गतिरोध के बीच भारत ने बुधवार को अपनी सामरिक शक्ति को और बढ़ाने का सफल प्रयास किया । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है , जो इस मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन का परीक्षण था । इसकी मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किमी की गई है । बुधवार को इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में किया गया । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर DRDO को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है ।
जानिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल परीक्षण की खास बातें...
- इसे भारत के DRDO और रूस के NPOM ने साथ मिलकर बनाया है ।
- यह वॉर शिप, सबमरीन, फाइटर जेट और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है ।
- DRDO के मुताबिक, इस टेस्ट को संस्था के PJ-10 प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया गया है । जो भारत की सैन्य शक्ति में और अधिक मजबूती देने वाला प्रयोग है ।
-इस मिसाइल में इस्तेमाल किए गए एयरफ्रेम और बूस्टर को देश में ही बनाया गया है ।
- ब्रह्मोस पहली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जो इस वक्त सर्विस में है ।
- वर्ष 2005 में आईएनएस राजपूत पर भारतीय नेवी ने इस मिसाइल का इंडक्शन किया था ।
- अब भविष्य में सभी वॉर शिप में नए अपग्रेडशन की सुविधा के साथ इसे शामिल किया जाएगा ।