न्यूज डेस्क । मिडिल ईस्ट में सोमवार तड़के आए 7.8 तीव्रता वाले भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई है कि तुर्की और सीरिया जैसे देशों में अब तक 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है , जबकि मरने वालों का आंकड़ा अभी इससे बहुत आगे जाने की आशंका जताई जा रही है । पिछले 30 घंटे में रुक रुक कर करीब 140 भूकंप के झटके आए हैं, जिसने इन दोनों देशों को तबाह कर दिया है । हजारों लोग अभी भी मलबे में दबे बताए जा रहे हैं , जबकि लगातार जारी भूकंप के झटकों के झटकों के बीच अब बर्फ के तूफान की आशंका जताई जा रही है । इस सबके चलते बचाव व राहत कार्य बहुत प्रभावित हो रहा है । भारत सरकार ने भी मंगलवार सुबह एनडीआरएफ की दो टीमों को प्रभावित इलाके में मदद के लिए रवाना किया है ।
लाशों के ढेर - तड़पते लोग
तुर्की में जहां इस भूकंप के चलते अकेले 4000 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं , वहीं तुर्की में एक आंकड़े के मुताबिक 5600 बहुमंजिला इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं । इसके चलते तुर्की के कई इलाकों में यहां वहां शवों के ढेर लगे हैं , जबकि जो लोग घायल अवस्था में हैं वह तड़पते नजर आ रहे हैं । प्रभावित देशों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है ।
ठंड - बारिश - बर्फबारी बनी चुनौती
ऐसे हालात में जब चारों तरह मदद की जरूरत है , ठंड - बरिश और बर्फबारी ने बचाव व राहत सामाग्री लेकर पहुंच रही टीमों के सामने चुनौतियां खड़ी कर दी हैं । इस सबके बीच अब प्रबावित इलाके में बर्फीले तूफान का अलर्ट आया है । आपदा के बाद तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने देश में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है । सरकार ने भी इस बार के साफ संकेत दिए हैं कि मरने वालों का आंकड़ा हर बढ़ता नजर आएगा ।
14 हजार लोगों की मौत की आशंका
समाचार एजेंसी एपी ने बताया कि सीरिया में अभी तक कुल 2365 लोगों की मौत हुई है , जबकि तुर्की में सीरिया से ज्यादा लोगों की मौत हुई है । अभी तक आंकड़े भले ही कुछ भी आ रहे हों , लेकन दोनों देशों में संयुक्त रूप से कुल 14,000 लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है ।
मदद को आगे आए देश
इस आपदा के समय तुर्की और सीरिया की मदद के लिए भारत के साथ ही अमेरिका, न्यूजीलैंड , इजरायल, स्पेन समेत कुछ अन्य देशों ने हाथ आगे बढ़ाए हैं । इस बीच तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि खराब मौसम के चलते बचाव कार्यों में परेशानी आ रही है । स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका के मुताबिक खराब मौसम के चलते बचाव टीमों की चुनौतियां बढ़ गई है । तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने बताया कि सेनाओं ने एक सिपेरेट एयर कॉरिडोर बनाया है। हमने अपने विमानों को चिकित्सा दल, खोज और बचाव दल को भूकंप प्रभावित इलाकों में भेजा है । हमारी कोशिश घायल लोगों को जल्द रेस्क्यू करने की है ।