न्यूज डेस्क । टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के दिग्गजों की कुछ समय पहले राय थी कि आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का है । इसके मद्देनजर कई तरह की योजनाएं बनाई गईं और इस समय उनपर काम भी जारी है । पिछले कुछ सालों में जिस तरह से AI को लेकर टूल सामने आए हैं , उससे इसकी गंभीरता और इसकी व्यापकता को समझा जा सकता है । पिछले दिनों ही ChatGPT के आने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में नियम, कायदे, कानूनों को लेकर नई बहस छिड़ गई है । इस सबके बीच इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिना प्रोटोकॉल के AI की गाड़ी आगे बढ़ाना खतरे से खाली नहीं । इन दिग्गजों का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कंट्रोल से बाहर होने की आशंका है , जिसके चलते इसको लेकर हो रहे सभी काम को तत्काल बंद कर देना चाहिए । इन एक्सपर्ट्स में ट्विटर CEO एलन मस्क और Apple को-फाउंडर स्टीव वॉजनिएक भी हैं ।
टेक इंडस्ट्री के 1,100 लोगों की मांग
टेक इंडस्ट्री के 1,100 लोगों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल निर्माण के लिए 6 महीने के लिए AI सिस्टम्स की ट्रेनिंग का काम रोकने के लिए एक पिटिशन पर साइन किए हैं । इस अर्जी में लिखा है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल न होने के चलते ये लोग AI सिस्टम को ट्रेन करने वाले सारे काम को 6 महीने के लिए रोकना चाहती है । इन 6 महीने में उम्मीद है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल तैयार हो जाएंगे, जिसको सभी कंपनियां फॉलो कर सकें ।
इंसानों को टक्कर देना शुरू किया
इस लेटर से वॉर्निंग दी गई है कि OpenAI के GPT-4 जैसे AI सिस्टम ने आम कामकाज में भी इंसानों को टक्कर देनी शुरू कर दी है । ये इंसानियत और समाज के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता है । लेटर से रिक्वेस्ट की गई है कि GPT-4 से ज्यादा पावरफुल AI टेक्नोलॉजी पर काम कर रही AI लैब्स छह महीने के लिए काम बंद कर दें ।
AI लैब्स में हो रहा ताबड़तोड़ काम
फ्यूचर ऑफ लाइफ इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर एक ओपन लेटर में कहा गया, 'पिछले कुछ महीनों में AI लैब एक अंधी दौड़ का शिकार हो गई हैं जिसमें ज्यादा ताकतवर डिजिटल माइंड तैयार किए जा रहे हैं, जो कई बार कंट्रोल से भी बाहर हो जाते हैं । इन माइंड्स को कई बार तो इनके क्रिएटर्स भी नहीं समझ पा रहे हैं । इसमें आगे कहा गया है कि ताकतवर AI सिस्टम्स तभी तैयार किए जाने चाहिए, जब हम इनके पॉजिटिव इफेक्ट को लेकर निश्चिंत हों और उनसे होने वाला रिस्क मैनेज किया जा सके ।
क्यों लिया गया ये बड़ा कदम
बता दें कि कुछ महीने पहले ही OpenAI एक नया चैटबॉट ChatGPT को दुनिया के सामने लेकर आया जिसमें माइक्रोसॉफ्ट ने भी $10 बिलियन का निवेश किया है । इसके बाद कंपनियों का अलार्म बजा और रेड सिग्नल जारी हुआ । देखते ही देखते सभी बड़ी कंपनियां AI में नए डेवलपमेंट में लग गईं । अब इस अंधी दौड़ में अमेरिका से चीन तक सैकड़ों कंपनियां शामिल हैं ।
AI का स्कोप लगातार बढ़ता जा रहा है
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसा सेक्टर है जिसका स्कोप लगातार बढ़ता जा रहा है । यहां आए दिन कोई ना कोई नया डेवलपमेंट देखने को मिलता रहता है । ChatGPT जैसे एआई चैटबॉट हों या एआई से बनी तस्वीरें, इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से देखने को मिल रहा है. हालांकि, इसके कुछ खतरे भी सामने आ रहे हैं । दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में से एक एलन मस्क समेत चार दिग्गजों ने इस खतरे को भांपा है । उन्होंने एक ओपन लेटर लिखकर AI से जुड़े नए प्रोजेक्ट्स पर रोकने लगाने की मांग की है ।
इन लोगों ने उठाया मुद्दा
ट्विटर और टेस्ला के चीफ एलन मस्क, स्टीव वोज्नियाक, Pinterest के को-फाउंडर इवान शार्प और स्टेबिलिटी AI के सीईओ इमाद मुस्ताक ने फ्यूचर ऑफ लाइफ इंस्टीट्यूट द्वारा जारी किए गए ओपन लेटर पर साइन किए हैं । ये एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी पावरफुल टेक्नोलॉजी से जुड़े खतरों को कम करने के मिशन पर काम करती है ।
AI के रिस्क का पता लगाएं
जब तक एआई के खतरों का सही से अंदाजा नहीं लगाया जाता तब तक पावरफुल AI प्रोजेक्ट्स पर काम रुकना चाहिए । ‘गॉडफादर ऑफ AI’ के नाम से मशहूर एआई एक्सपर्ट योशुआ बेंगियो और दिग्गज कंप्यूटर साइंटिस्ट स्टुअर्ट रसेल ने भी इस लेटर का सपोर्ट किया है. इसके पब्लिकेशन तक OpenAI के किसी भी रिप्रेजेंटेटिव ने लेटर पर साइन नहीं किया है ।