नई दिल्ली । कृषि बिल के विरोध में किसानों का दिल्ली के बॉर्डर पर जारी आंदोलन जारी है । सरकार के प्रतिनिधियों के साथ किसान नेताओं की बातचीत अब तक बेनजीता रही है । किसानों एक बार फिर से सरकार की ओर से बनाए गए संशोधित प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है । किसानों का कहना है कि सरकार बिना किसी शर्त के साथ बातचीत की टेबल पर आए । आंदोलन कर रहे किसानों के संगठन और उनके नेता बदस्तूर बिल को रद्द करने की मांग कर रहे हैं , लेकिन सरकार ने भी साफ कर दिया है कि वह बिल रद्द नहीं करेगी । इस सारे हो हल्ले को विपक्ष राजनीतिक रूप से भुनाने की जुगत में जुटा है । इसी क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष मार्च निकालने जा रहा है ।
बता दें कि कृषि बिल को लेकर किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है । हालांकि कुछ किसान संगठनों ने इस बिल को रद्द करने की मांग की है , वहीं देश के अन्य हिस्सों से अब कई किसानों ने सरकार के कृषि बिल के समर्थन में अपनी आवाज उठाना शुरू कर दिया है ।
इस सबके बीच विपक्षी दलों के कई नेता गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालेंगे । कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर कृषि कानूनों के मसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे, उनके साथ विपक्ष कसे अन्य कई नेता भी होंगे । जिसके बाद करीब दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर वाला पत्र राष्ट्रपति को सौंप कानून वापसी की अपील होगी । ये मुलाकात सुबह करीब 11.30 पर होगी ।
वहीं किसानों के द्वारा अब से थोड़ी देर बाद एक बार फिर प्रेस वार्ता की जाएगी । इसमें किसान अपने आंदोलन का कारण बताएंगे । किसान मोर्चा की ओर से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अगर लोगों के कुछ सवाल हो तो वो जवाब दे सकें ।
जहां कई किसान संगठनों के नेता और किसान कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं , वहीं किसानों के आंदोलन के बीच आज किसान सेना के समर्थक और किसान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करेंगे । किसान सेना नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन देगी ।बीते दिन सिंघु बॉर्डर पर 40 से अधिक किसान संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सरकार के प्रस्ताव को नकार दिया गया । किसानों ने सरकार को लिखकर नया प्रस्ताव देने की बात कही है, जिसपर विचार किया जाएगा ।