नई दिल्ली । संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार रात आगामी 1 फरवरी को अपने संसद मार्च के ऐलान के बाद अब उसे स्थगित करने की बात कही है । ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठन बैकफुट पर नजर आए । बुधवार रात सिंधु बॉर्डर पर पत्रकार वार्ता में किसान नेता बलवीर राजेवाल ने संसद मार्च को स्थगित कर दिया । उन्होंने कहा कि अगला कार्यक्रम अगली मीटिंग में तय किया जाएगा ।
विदित हो कि संयुक्त मोर्चा ने पत्रकारों से बातचीत में साफ कर दिया है कि पहले उन्होंने अपनी ट्रैक्टर रैली के बाद 1 फरवरी को संसद मार्च करने की बात कही थी , लेकिन 26 जनवरी वाले दिन दिल्ली में ट्रैक्टर रैली की आड़ में हिंसा करने और लालकिले पर धार्मिक झंडे फहराए जाने के बाद अब किसान नेता बैकफुट पर आ गए हैं । दिल्ली पुलिस ने 37 किसान नेताओं ने खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं । इस सबके बाद किसान नेताओं ने अपने संसद मार्च को स्थगित कर दिया है ।
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने गत दिनों 26 जनवरी को आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकालने के साथ ही 1 फरवरी को संसद मार्च का ऐलान किया था । लेकिन 26 जनवरी को किसानों के भेष में आए दंगाइयों ने जो हिंसा को अंजाम दिया है , उसके बाद किसान नेताओं ने अपनी संसद मार्च स्थगित कर दिया है ।
विदित हो कि किसान आंदोलन के नाम पर हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने ऐलान किया है कि वो आंदोलन से अलग हो रहे हैं। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंहने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा । हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं । उन्होंने राकेश टिकैत पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने सरकार के साथ बातचीत में गन्ना किसानों की बात क्यों नहीं उठाई ।
उन्होंने कहा कि इस हिंसा से हमारा कोई लेना देना नहीं है । आईटीओ में हमारा एक साथी शहीद हो गया , जिसने उसे उकसाया उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए ।