नई दिल्ली । तीन कृषि कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा रद्द किए जाने के बावजूद किसानों का आंदोलन खत्म होने के बजाए और प्रचंड होता नजर आ रहा है । शुक्रवार 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर आज दिल्ली के सभी बॉर्डर पर एक बार फिर से किसानों का हुजूम लग गया है । हजारों की संख्या में फिर से किसान गाजीपुर बॉर्डर , टिकरी और सिंधु बॉर्डर समेत अन्य जगहों पर जमा हुए हैं । किसान अपनी जीत का जश्न मना रहे हैं । वहीं किसान नेताओं का कहना है कि अभी लड़ाई जारी रहेगी । इन नेताओं का कहना है कि एमएसपी पर कानून जब तक नहीं बन जाता उनका आंदोलन जारी रहेगा ।
केंद्र पर दबाव बनाने की रणनीति
असल में केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों ने आंदोलन को और तेज बनाने के संकेत दिए हैं। इसी क्रम में आज दिल्ली के चारों बॉर्डर गाजीपुर - सिंधु बॉर्डर , टिकरी और शंभू बॉर्डर पर सभाएं आयोजित की गई हैं । इतना ही नहीं शंभू और सिंधु बॉर्डर पर तो बड़ी सभाएं भी आयोजित की गई हैं । इतना ही नहीं यहां से बड़ा मार्च भी निकाला जाएगा ।
पंजाब के 32 किसान संगठनों के लोगों का आना तेज
एक बार फिर से किसान आंदोलन को धार देने का काम तेज होता नजर आ रहा है । पंजाब के 32 किसान संगठनों के लोगों का दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर आना जारी है । किसानों ने 29 नवंबर को ट्रैक्टर रैली निकालने की भी बात कही है ,जानकारी मिली है कि गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से 30-30 ट्रैक्टर दिल्ली में दाखिल होंगे । इन 60 ट्रैक्टरों पर 1000 किसान दिल्ली में दाखिल होंगे ।
फिर लग गए लंगर - बंट रही मिठाइयां
एक बार फिर से दिल्ली के बॉर्डरों पर ''मेला'' नजर आ रहा है । दिल्ली के इन बॉर्डरों पर एक बार फिर से बड़ी संख्या में लंगर लग गए हैं , जहां सैकड़ों लोगों के लिए भोजन तैयार किया जा रहा है । इसके साथ ही देसी घी से बनी गुड़ की चिक्की , मिठाइयां बांटी जा रही हैं ।
विदेशों में भी किसान संगठनों का प्रदर्शन
देश के साथ अब किसानों के इस आंदोलन को विदेशों में भी उठाया जाएगा । ऐसी खबरें हैं कि आज अमेरिका - ब्रिटेन , ऑस्ट्रेलिया , ऑस्ट्रिया , कनाडा , फ्रांस - नीदरलैंड में भी कुछ लोग किसानों के इस आंदोलन का समर्थन करते हुए भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करेंगे ।
कल है अहम बैठक
इस सबके बीच संयुक्त किसान मोर्चो के नेताओं ने कहा है कि उनकी एक अहम बैठक 27 नवंबर को होगी , जिसमें इस आंदोलन की आगे की रूपरेखा को लेकर बड़ा फैसला लिया जाएगा । इस दौरान यूपी - पंजाब और हरियाणा समेत देश के अन्य हिस्सों से किसानों का इस आंदोलन में शामिल होने का क्रम तेज हो गया है ।