नई दिल्ली । हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप को बड़ा आर्थिक झटका लगा है । कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिसके बाद अडानी ग्रुप को लेकर कई तरह की बातें बाजार में उड़ रही हैं । मौजूदा घटनाक्रम में आर्थिक पक्ष जुड़ा होने के चलते अब सरकार को इस पूरे विवाद में बयान देना पड़ गया है । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अब अडानी ग्रुप को लेकर मचे हो-हल्ले पर बड़ा बयान दिया है । उन्होंने कहा कि - ग्रुप को नियमों के तहत ही लोन दिए गए हैं । बैंकों ने लोन देने में भी कोई अनियमितता नहीं की है । न ही अडानी ग्रुप को सीमा से ज्यादा लोन दिया गया है ।
SBI - LIC अभी भी मुनाफे में
वित्तमंत्री ने अपने बयान में कहा कि SBI और एलआईसी (LIC ) दोनों ने ही ये बताया है कि वे अडानी समूह में ओवर एक्सपोज्ड नहीं है । दोनों का कहना है कि अडानी समूह में उनका जो भी एक्सपोजर है वें मुनाफे पर बैठे हैं और वैल्यूएशन के गिरने के बाद भी वे मुनाफे में हैं । उन्होंने साफ कहा कि अडानी ग्रुप को लोन देने वाले बैंकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे ओवरएक्सपोज्ड नहीं हैं, अनुमत सीमा के भीतर अडानी समूह को लोन दिया गया है ।
कई बैंकों से लिया है ग्रुप ने लोन
बता दें कि अडानी ग्रुप ने कई बैंकों से लोन लिया हुआ है । भारत में मौजूद कई बैंकों ने अडानी ग्रुप को कर्ज दिया हुआ है । इस बीच अडानी ग्रुप को लेकर अनिश्चितता वाली खबरों पर विराम देते हुए खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान देना पड़ा है । उन्होंने कहा कि अभी के आंकलन के अनुसार , बैंक की स्थिर है ।
आखिर क्या है हिंडनबर्ग रिपोर्ट में
बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने हाल ही में अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट पेश की है । इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से शेयरों के दाम बढ़ाने का आरोप लगाया है । इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी ग्रुप को लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ा है । वहीं भारतीय शेयर में लिस्टेड अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी पिछले कुछ दिनों से दबाव देखने को मिला है और उनके शेयरों में लोअर सर्किट लग रहा है ।