नई दिल्ली । देश की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए मोदी सरकार नई- नई योजनाओं पर मंथन कर रही है । देश के कई प्रोजेक्ट के लिए निवेश जुटाने के लिए भी सरकार के प्रयास जारी है । इस सबके बीच खबर मिली है कि पीएम मोदी जल्द ही दुनिया के 15 बड़े ग्लोबल फंड हाउसेज के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने वाले हैं । आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के सचिव तरुण बजाज ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि जल्द पीएम मोदी ऐसे फंड हाउस से प्रतिनिधियों से भारत की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश पर चर्चा करेंगे ।
बता दें कि कोरोना काल के चलते भारत की अर्थव्यवस्था में आई मंदी ने इस समय देश का उद्योग जगत बेहाल है । देश में बुनियादी ढांचे के विकास और नौकरियों के सृजन के लिए एक सरकारी टास्कफोर्स ने अगले पांच साल में कुल 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत बताई है । इस टास्क फोर्स ने इसके लिए 7,000 परियोजनाओं की पहचान की है ।
रेल मंत्रालय ने महिलाओं को दी बड़ी छूट , अब ट्रेन में सफर करने के लिए मिलेगी यह छूट
इसे गति देने के लिए मोदी सरकार कई नई योजनाएं लेकर बाजार को एक्टिव कर रहे हैं । इस सबके बीच आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के सचिव तरुण बजाज का कहना है कि दुनिया के 15 फंड हाउसेस से बातचीत के साथ ही उद्योगों को मदद देने के लिए सरकार रिजर्व के साथ मिलकर काम कर रही है । ऐसा इसलिए ताकि भारत को ग्लोबल बॉन्ड सूचकांकों में शामिल किया जा सके. इससे बॉन्ड मार्केट में फ्लो बढ़ेगा ।
खबरों के अनुसार , बजाज ने सीआईआई द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में बुधवार को कहा कि दुनियाभर के कई फंड हाउस हमारे संपर्क में हैं जो यहां के अच्छे इन्फ्रा एसेट में निवेश करना चाहते हैं । वे ज्यादा रिटर्न नहीं चाहते हैं लेकिन टिकाऊ रिटर्न चाहते हैं । पीएम मोदी जल्द ही दुनिया के 15 प्रमुख फंड हाउसों से मिलेंगे और उनसे सुझाव लेंगे । बजाज ने कहा कि नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में भी हम इस बात पर काम कर रहे हैं कि सरकारी क्षेत्र से कितना पैसा आ सकता है और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से कितनी राशि की जरूरत है ।
बिहार की जनता के लिए भाजपा के 11 संकल्प , जानें कोरोना के निशुल्क टीकाकरण के साथ क्या किए वादे
बजाज ने बताया कि कनाडा, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के पेंशन फंड्स ने मोदी सरकार से संपर्क किया है । सरकार भी नियमों में बदलाव के लिए घरेलू इंश्योरेंस और पेंशन फंड नियामकों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए स्थाई पूंजी प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके ।