नई दिल्ली । कोरोना काल के बीच देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर बुधवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि हमारे यहां ऑक्सीजन की कमी नहीं है , लेकिन अव्यवस्था को देखते हुए सप्लायरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पहले राजस्थान को सप्लाई करेंगे , क्योंकिन दिल्ली में गैस राजस्थान और यूपी से आती है । भले ही स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की बातों को यह कहते हुए टाल दिया कि सरकारी अस्पतालों में 6-7 दिन का स्टॉक है, कुछ ही अस्पतालों में इससे कम दिन का स्टॉक है, लेकिन दिक्कत नहीं है ।
बता दें कि कोरोना काल में केंद्र सरकार ने समय रहते पीपीई किट से लेकर टेस्टिंग किट , मास्क , ग्लब्स भरपूर मात्रा में अस्पतालों को मुहैया करवाए , लेकिन ऑक्सीजन ने ही स्वास्थ्य मंत्रालय की सांस फुला रखी है । ऑक्सीजन की पर्याप्त उत्पादन क्षमता के बावजूद अस्पतालों तक उनकी आपूर्ति करने का सिस्टम लचर नजर आया है । खुद स्वास्थ्य मंत्रालय इस मामले में चुप्पी साधे नजर आ रहा है ।
दिल्ली के अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की कमी पर स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन का बयान तो आया लेकिन उन्होंने कहा कि अभी कमी खतरे के स्तर पर नहीं पहुंची है । अस्पतालों में 7 दिन का स्टॉक होना चाहिए , जो है । कुछ ही अस्पताल हैं जहां 7 दिन से कम का स्टॉक बचा है । लेकिन आपसी साझेदारी से इस समस्या का निपटारा कर लिया जाएगा ।
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों के अनुसार , खपत की तुलना में सरकार 1900 मीट्रिक टन अतिरिक्त ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है । आल इंडिया इंडस्ट्रीयल गैस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AIIGMA) की ओर से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे सात राज्यों में सुचारू मेडिकल आक्सीजन सप्लाई के लिए तैनात नोडल अधिकारी अनिर्बन सेन भी मानते हैं कि लिक्विड मेडिकल आक्सीजन के उत्पादन की कोई समस्या नहीं है। समस्या लिक्विड ऑक्सीजन को फिलिंग स्टेशन तक ले जाने और उसे सिलेंडर में भरकर कोरोना के अस्पतालों तक पहुंचाने की है।
असल में जुलाई के बाद कोरोना का संक्रमण ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैला है और टीयर-दो और टीयर तीन शहरों से कोरोना के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की मांग उसी अनुपात में बढ़ गई है। लेकिन इन शहरों तक लिक्विड आक्सीजन पहुंचाने के लिए न तो पर्याप्त संख्या में टैंकर है और न ही उसे सिलेंडर में भरने का सिस्टम मौजूद है। ऐसे में अतिरिक्त उत्पादन क्षमता के बावजूद ऑक्सीजन की सप्लाई करना संभव नहीं हो पा रहा है।
वहीं कोरोना के अस्पतालों में ऑक्सीजन की अबाध आपूर्ति सुनिश्चित करने और इसके रास्ते में आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सचिवों के एक अधिकार प्राप्त समूह का गठन किया है। स्वास्थ्य, टेक्सटाइल, स्टील, फार्मा और औद्योगिक संवर्द्धन विभाग के सचिवों वाले इस समूह ने राज्यों के साथ विचार-विमर्श भी शुरू कर दिया है और इस सिलसिले में कई अहम निर्णय भी लिए गए हैं। ध्यान देने की बात है कि चार अप्रैल को औद्योगिक संवर्द्धन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था, इसके बावजूद अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा।