इलाहबाद । देश के विभिन्न राज्यों में लाउडस्पीकर से अजान को लेकर जारी हंगामे के बीच इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है । हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जो ऐसा समझते हैं कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना उनका मौलिक अधिकार , तो यह सरासर गलत है । इसके साथ ही कोर्ट ने साफ कर दिया कि कोर्ट अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत नहीं देगी। असल में हाईकोर्ट ने लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किए जाने की इजाजत मांगने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही ।
बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली की याचिका खारिज
बता दें कि इलाहबाद हाईकोर्ट में बदायूं के बिसौली तहसील स्थित दौरानपुर गांव की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली ने याचिका दाखिल करते हुए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की मांग की थी । याचिका में एसडीएम समेत तीन लोगों को पक्षकार बनाया गया था। उन्होंने एसडीएम द्वारा लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत वाली अर्जी को खारिज किए जाने को चुनौती दी थी । याचिका में कहा गया था कि मौलिक अधिकार के तहत उन्हें मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत दी जाए ।
कोर्ट ने क्या कहा...
इस याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस विकास बुधवार की डिवीजन बेंच ने कहा कि मस्जिद में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना मौलिक अधिकार में कतई नहीं आता । लाउडस्पीकर की इजाजत के लिए कोई अन्य ठोस आधार नहीं दिए गए हैं । अदालत ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया । कोर्ट ने याचिका में की गई मांग को गलत बताते हुए याचिका खारिज कर दी ।
यूपी - महाराष्ट्र से देशभर में फैल रहा मामला
बता दें कि योगी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के साथ ही उन्होंने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को हटाने की कार्यवाही की थी । इसके तहत जहां बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों के लोगों ने खुद ही लाउडस्पीकर हटा दिए ते , जबकि हजारों लाउडस्पीकरों को प्रशासन ने उतरवाया । गत दिनों महाराष्ट्र में इस मुद्दे ने तूल पकड़ा है । महाराष्ट्र नव-निर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की । उन्होंने उद्धव ठाकरे सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर ईद के बाद मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटे तो हम दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा बजाएंगे ।