न्यूज डेस्क । ग्वालियर में जारी वायुसेना के अभ्यास कार्यक्रम में शनिवार दोपहर शामिल दो लड़ाकू विमान आसमान में टकारकर क्रैश हो गए हैं । अभी मिली जानकारी के अनुसार , प्रशिक्षण मिशन के दौरान दोनों विमान आसमान में क्रैश हो गए , जिसमें से सुखोई के दो पायलट सुरक्षित बचा लिए गए हैं , जबकि मिराज के पायलट इस दुर्घटना में शहीद होने की पुष्टि सेना ने कर दी है । वायुसेना इस घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं । रक्षामंत्री खुद इस मामले का हर ताजा अपडेट ले रहे हैं । वायुसेना का कहना है कि इस मामले की जांच के बाद ही घटना का पूरा सच सामने आ पाएगा । वायुसेना ने इस दौरान एक ताजा बयान जारी करते हुए कहा कि भरतपुर में उनका कोई विमान क्रैश नहीं हुआ है , हालांकि मीडिया में इस तरह की खबरें है कि दोनो विमानों से एक दुर्घटना के बाद भरतपुर में जाकर क्रैश हुआ है । हालाकि वायुसेना थोड़ी देर में अपना बयान जारी करेगी ।
एक मध्य प्रदेश तो दूसरा राजस्थान में गिरा
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में शनिवार दोपहर हुए फाइटर जेट क्रैश हादसे पर अब इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने बयान जारी कर दिया है । मिली जानकारी के अनुसार , सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान रेगुलर प्रैक्टिस के दौरान आसमान में ही टकरा गए , जिसके बाद दोनों जेट में आग लग गई एक मुरैना के जंगलों में जा गिरा । जबकि भरतपुर जिले में भी एक विमान क्रैश होकर गिरा है , लेकिन वायुसेना का कहना है कि उनका कोई विमान वहां क्रैश नहीं हुआ है ।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश
वायुसेना का कहना है कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी से साफ हो पाएगा कि दुर्घटना कैसे हुई. लेकिन ये अब लगभग साफ हो गया है कि मुरैना के आसमान में ही दोनों लड़ाकू विमान आपस में टकराए यानी मिड-एयर कोलिजन का शिकार हुए . सुखोई ने मिराज को टक्कर मारी हो और फिर सुखोई के पायलट्स ने अपने विमान को बचाने की कोशिश हो । जब ये नहीं कर पाए होंगे तो इजेक्ट कर लिया होगा, जिससे सुखोई भरतपुर तक पहुंच गया ।
2 पायलट सुरक्षित, 1 शहीद
बहरहाल , इस हादसे में सुखोई-30 में सवाल दोनों पायलटों ने समय रहते पैराशूट की इस्तेमाल कर जेट से छलांग लगा दी । हालांकि मिराज 2000 में सवार पायलट को काफी गंभीर चोटें आई थीं , इससे पहले ही डॉक्टर उनका इलाज कर पाते वे शहीद हो गए।