देवबंद । वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद पर उठे सवालों के बाद अब देशभर की 100 साल पुरानी मस्जिदों का सर्वे करवाए जाने की मांग उठने लगी है । वहीं ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद जो सबूत सामने आ रहे हैं , उससे इस मस्जिद से जुड़ी कई अहम जानकारियों पर से पर्दा हट रहा है । इससे इतर , शनिवार को देवबंद में मुस्लिम संगठनों के दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ । इसकी शुरुआत जमीयत-उलमा-ए-हिंद मदनी गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद मौलाना महमूद असद मदनी ने अधिवेशन का झंडा फहराकर की । इस दौरान उन्होंने कहा कि मुसलमानों के सब्र का इंतहान लिया जा रहा है. ऐसे में चाहे कुछ भी हो जाए मैं ईमान की कीमत पर समझौता नहीं करूंगा ।
मुसलमानों को निराश होने की जरूत नहीं
देवबंद में आयोजित मुस्लिम संगठनों के दो दिवसीय कार्यक्रम में जमीयत-उलमा-ए-हिंद मदनी गुट के प्रमुख मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा स समय देश में नफरत का माहौल है । लेकिन मुसलमानों को निराश होने की जरूरत नहीं है । एक दूसरे को उकसाया जा रहा है । हम मुश्किल में हैं क्योंकि मुसलमानों के सब्र का इंतहान लिया जा रहा है । मैं यहां एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि चाहे कुछ भो , लेकिन मैं अपने ईमान की कीमत पर कोई समझौता करने वाला नहीं हूं ।
आज हमारा चलना तक मुश्किल हो गया
इस मौके पर सैकड़ों इस्लामिक विद्वानों ने हिस्सा लिया । बोलते हुए भावुक हुए मदनी ने कहगा आज मुसलमानों का चलना तक मुश्किल हो गया है । हमें हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया है. लेकिन जो एक्शन प्लान वो लोग तैयार कर रहे हैं, उस पर हमें नहीं चलना है । उन्होंने कहा कि हम आग को आग से नहीं बुझा सकते हैं । नफरत को प्यार से हराना होगा ।
मुल्क पर नहीं आने देंगे आंच – मदनी
मौलाना मदनी ने कहा कि, ऐसे मुश्किल हालात में हम आज यहां मौजूद हैं । लेकिन ये सिर्फ हमारा जिगर जानता है कि हमारी क्या मुश्किलें हैं । मुश्किल को झेलने के लिए हौसला और ताकत चाहिए , जिस तरह की चीजें हो रही हैं उसके लिए मुस्लिमों को जेल भरने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर जमीयत-उलमा-ए-हिंद का ये फैसला है कि हम जुल्म को सह लेंगे पर अपने मुल्क पर आंच नहीं आने देंगे । तो ये फैसला कमजोरी की वजह से नहीं है, बल्कि जमीयत-उलमा की ताकत की वजह है । ये ताकत हमें कुरान ने दी है । हम हर चीज से समझौता कर सकते हैं, अपने ईमान से समझौता नहीं कर सकते हैं।
सरकार की खामोशी से अफसोस
इस सभा के बाद मीडिया से बात करते हुए वह बोले - मुल्क के हालात और सरकारों की खामोशी अफसोसनाक है । जो इस देश के चिंता करने वाले लोग हैं, उन्हें इसे संभालना होगा. मुल्क में ये जो बांटने वाला माहौल है उसे खत्म करना होगा । अगर जरूरत पड़ी तो हम जेल भरो आंदोलन करेंगे।