नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा किए जाने के बाद से एक बार फिर से घाटी में सियासी हलचल तेज नजर आ रही है। पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता फारुख अब्दुल्ला के अनुच्छेद 370 को हटाने संबंधी बयान पर हुए विवाद के बाद उन्होंने पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की । इस सबके बीच अब खबर है कि घाटी के राजनीतिक दल 'गुपकर समझौते' पर मंथन करने वाले हैं । इसमें घाटी की स्थानीय पार्टियों के नेता शिरकत करेंगे। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह राज्य में पहली बढ़ी बैठक है ।
बता दें कि गत वर्ष केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद हटाते हुए उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया है । हालांकि इस दौरान सरकार ने घाटी के कई अलागववादी नेताओं के साथ ही अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को नजरबंद कर दिया था । घाटी में हालात सामान्य होने के साथ साथ इन नेताओं को रिहा किया गया और उस कड़ी में हाल में पीडीपी नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी रिहा कर दिया गया है ।
उनके रिहा होने के बाद एक बार फिर से घाटी में सियासी हलचल तेज हो गई है । हाल में पीडीपी नेताओॆं और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं के बीच एक बैठक हुई , जिसके बाद अब फारुख अब्दुल्ला ने गुपकर समझौते पर एक बैठक बुलाई है , जिसमें उनके साथ उनके बेट और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला , महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन समेत वे सभी नेता शामिल होंगे , जिन्होंने घाटी में अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर एक संयुक्त बयान जारी किया था ।
असल में इन सभी दलों ने एक बार फिर से घाटी से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को असंवैधानिक करार देना शुरू कर दिया था। इन लोगों ने अपने बयान में कहा था कि जम्मू कश्मीर राज्य का बंटवारा कश्मीर और लद्दाख के लोगों के खिलाफ ज्यादती है । इसे ही बाद में गुपकर समझौता कहा गया था ।
आपको यह भी बता दें कि नजरबंदी से रिहा होने के बाद घाटी के नेताओं ने एक बार फिर से '' जहर '' उगलना शुरू कर दिया है । जहां महबूबा मुफ्ती ने अपनी रिहाई के बाद कहा- जो दिल्ली ने हमसे छीना है वो हम वापस लेंगे । इचतना ही नहीं हम घाटी के उस काले दिन को इतिहास से मिटा देंगे । जबकि पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी कहा - हमें अनुच्छेद 370 वापस दिलाने में पड़ोसी देश चीन हमारी मदद कर सकता है ।