लखनऊ । कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इस साल भी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया गया है । पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर योगी सरकार को सोमवार तक एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था, जिसके बाद राज्य सरकार ने कांवड़ संघों से इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर यात्रा को रद्द करने की अपील की थी । अब अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने इस बात की जानकारी दी है कि संघ इस बार कांवड़ यात्रा नहीं करने पर सहमत हो गए हैं । आगामी 25 जुलाई से शुरू होने वाली यह कांवड़ यात्रा अब नहीं होगी ।
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि धार्मिक सहित सभी भावनाएं जीवन के अधिकार के अधीन हैं । हम कोविड के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते । हम सभी भारत के नागरिक हैं । यह स्वत: संज्ञान इसलिए लिया गया है क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है । यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानी 19 जुलाई को योगी सरकार से एक हलफनामा कोर्ट में देने को कहा था कि क्या वह राज्य में “सांकेतिक” कांवड़ यात्रा आयोजित करने के अपने फैसले पर फिर से विचार करेगी ।
इसके बाद गत शुक्रवार सरकार ने कहा था कि वह कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 'कांवड़ संघों' से बात कर रही है और कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार का प्रयास है कि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और महामारी से बचाव भी हो जाए।
इस सबके बाद अब अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने इस बात की जानकारी दी है कि संघ इस बार कांवड़ यात्रा नहीं करने पर सहमत हो गए हैं ।
इससे इतर , उत्तराखंड सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में इस वार्षिक यात्रा को रद्द कर दिया था जिसमें हजारों शिव भक्त पैदल चलकर गंगाजल लेने जाते हैं और फिर अपने कस्बों, गांवों को लौटते हैं।