नई दिल्ली । किसानों की ट्रैक्टर रैली में कुछ किसान नेताओं के भड़काने के बाद जिस तरह अराजकता फैली , उसे लेकर अब गृहमंत्रालय ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए हैं । इस सबके बाद किसानों के आंदोलन से लेकर किसानों के रुख में बदलाव नजर आ रहा है । जहां दो किसान संगठनों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है , वहीं कई किसान अब इस आंदोलन से वापस जाने लगे हैं । उन्हें पुलिस की कार्रवाई का डर सताने लगा है । इस बीच किसान नेता युद्धवीर सिंह ने गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा पर माफी मांगी है । उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दिन जो हुआ , वह बहुत शर्मनाक था , इसके लिए हम शर्मिंदा हैं । हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मैं गाजीपुर बॉर्डर पर था , वहां जो हिंसा हुई , उसमें हमारे लोग शामिल नहीं थे । बावजूद इसके हम पश्चाताप के लिए 30 जनवरी को अनशन पर बैठेंगे ।
बता दें कि ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में विभिन्न इलाकों में हुई हिंसा के बाद अब दिल्ली पुलिस ने 37 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है । इसमें कई दिग्गज किसान नेताओं के साथ ही कुछ अन्य भी हैं । सरकार के सख्त रुख और दिल्ली पुलिस पर हुए हमले के बाद अब किसान नेताओं और उनकी आड़ में दिल्ली के तीनों बॉर्डर में मौजूद उपद्रवियों को अब पुलिस की कार्रवाई का डर सता रहा है । यही कारण रहा कि तीनों ही बॉर्डर पर पिछले दो रातों से अफरातफरी का माहौल बहुत ज्यादा नजर आया ।
बहरहाल , अब किसान नेता भी राजनेताओं जैसी बयानबाजी पर आ गए हैं । अब तक किसी भी हालत में दिल्ली में घुसने और ट्रैक्टर रैली को रोकने वालों को देख लेने जैसे भाषण देकर युवाओं को भड़काने वाले किसान नेताओं के सुर बदलने लगे हैं । किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि जो भी हुआ वह बहुत गलत हुआ , हालांकि इसमे हारे लोग शामिल नहीं है , लेकिन हम इस दौरान हुई हिंसा के लिए शर्मिंदा हैं। हम हिंसा की निंदा भी कर रहे हैं और इसके प्राश्चित के लिए 30 जनवरी को एक दिन का अनशन करने जा रहे हैं । दिल्ली पुलिस में भी हमारे ही भाई ही हैं , उनके साथ उपद्रवियों ने जो व्यवहार किया हम उसके लिए क्षमा मांगते हैं ।