न्यूज डेस्क । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर दी गई है विवादित टिप्पणी के मामले में गुरुवार को सूरत की सेशंन कोर्ट ने मानहानि के मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है । हालांकि उन्हें फैसले को चुनौती देने के लिए 30 दिन का समय देते हुए जमानत दे दी गई है । लेकिन यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब राजनेता अपने विवादित बयनों के चलते मानहानी के मामलों में घिर हों । इससे पहले देश के कई दिग्गज नेता आपराधिक मानहानि के मामले में घिर चुके हैं । ऐसे ही 7 मामलों को हम आपके सामने ला रहे हैं ....
अरविंद केजरीवाल बनाम अरुण जेटली
वर्ष 2015 में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था । उस दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जेटली पर आरोप लगाया था कि उन्होंने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) के अध्यक्ष के रूप में वह वित्तीय अनियमितताओं में शामिल थे। इन आरोपों के बाद केजरीवाल के खिलाफ जेटली ने मानहानी का मुकदमा दर्ज कराया , जिसमें , बाद में केजरीवाल ने जेटली से लिखित माफी मांगी थी ।
नरेंद्र मोदी बनाम अरविंद केजरीवाल
वर्ष 2015 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया, जब केजरीवाल ने मोदी पर गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए रिश्वत लेने का आरोप लगाया। मामला बाद में अदालत से बाहर सुलझा लिया गया था।
आशुतोष बनाम स्मृति ईरानी
वर्ष 2015 में, आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मुकदमा दायर किया था, जब उन्होंने उन पर अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया था। बाद में मामला खारिज कर दिया गया था।
राहुल गांधी बनाम आरएसएस
वर्ष 2014 में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा मुकदमा दायर किया गया था । उस दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस पर महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था। बाद में इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
सुब्रमण्यम स्वामी बनाम सोनिया गांधी
इसी क्रम में वर्ष 2012 में, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ उन पर और उनकी पार्टी पर वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मानहानि का मुकदमा दायर किया। मामला अभी भी चल रहा है।
जयललिता बनाम डीएमके
वर्ष 2001 में, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं स्वर्णीय जयललिता पर विपक्षी डीएमके पार्टी ने मुकदमा दायर किया था, जब उन्होंने डीएमके पर उनकी हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। बाद में मामला खारिज कर दिया गया था।
एमजे अकबर बनाम प्रिया रमानी
इसी तरह वर्ष 2018 में, पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद मानहानि का मामला दायर किया था। उसके बाद यौन उत्पीड़न की कई महिलाओं द्वारा #MeToo आंदोलन के तहत कई लोगों पर आरोप लगाए थे। MeToo' आंदोलन के तहत रमानी द्वारा भी कई ट्वीट किए गए थे, जिनमें यह खुलासा किया कि 'द वोग' में उनके द्वारा लिखे गए लेख में एक यौन उत्पीड़न करने वाला वह व्यक्ति एमजे अकबर था। इस खुलासे के बाद एमजे अकबर ने रमानी पर मानहानी का मुकदना दर्ज करवाया था, लेकिन दिल्ली की एक अदालत ने 17 फरवरी को प्रिया रमानी को मामले में बरी कर दिया।