लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करने के बावजूद अब किसान अपने आंदोलन वापस लेने को तैयार नहीं है । आज लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक मौजूदा घटनाक्रम को लेकर जारी है , लेकिन इस सबके बीच किसानों ने पीएम मोदी के सामने 6 मांग रख दी हैं। इस महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा भविष्य की रणनीति पर मंथन हो रहा है । इसके बाद 26 नवंबर को गाजीपुर बार्डर पर किसानों की बैठक होगी । केंद्र द्वारा तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाला कानून और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' की गिरफ्तारी नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा ।
विदित हो कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीनों नए कृषि कानूनों वापसी की घोषणा के बाद आज संयुक्त किसान मोर्चा की लखनऊ में किसान महापंचायत आयोजित हो रही है । ये महापंचायत लखनऊ में इकोगार्डन (पुरानी जेल) बंगला बाजार में आयोजित की जा रही है । इसमें किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शनपाल समेत कई किसान नेता शिरकत कर रहे हैं ।
राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी को बर्खास्त किया जाए । साथ ही MSP गारंटी कानून बने । इसके अलावा आंदोलन में जो किसान शहीद हुए हैं उनका स्मारक बनवाया जाए । उन्होंने कहा कि दूध के लिए भी एक नीति आ रही है हम उसके भी विरोध में हैं, बीज कानून भी है । हम इस सभी मुद्दों पर बात करना चाहते हैं ।
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान महापंचायत के लिए किसानों से आने की अपील करते हुए 'चलो लखनऊ-चलो लखनऊ' नारे के साथ रविवार को ट्वीट किया था । उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘‘सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वे नकली एवं बनावटी हैं । इन सुधारों से किसानों की बदहाली रुकने वाली नहीं है । कृषि एवं किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा ।
लखनऊ में किसानों की महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने कानून वापसी पर अपना रिएक्शन दिया । उन्होंने कहा कि किसान बिलों की वापसी हार या जीत नहीं है, आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक MSP पर कानून नहीं बन जाता।