मुंबई । महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने पिछले दिनों आए सियासी संकट के बीच ताबड़तोड़ करीब 200 फैसले लिए । राज्य में सरकार के भीतर मचे घमासान के बीच इस तरह लिए गए फैसलों पर नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने इसकी शिकायत राज्यपाल से की थी , जिसपर अब राज्यपाल ने सरकार पर शिकंजा कसा है । राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने इस शिकायत को संज्ञान में लेते हुए सरकार के फैसलों के बारे में जानकारी मांगी है । राज्यपाल के प्रमुख सचिव संतोष कुमार ने बताया कि राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 22-24 जून तक राज्य सरकार द्वारा जारी सभी सरकारी प्रस्तावों (जीआर) और परिपत्रों की पूरी जानकारी देने के लिए कहा है।
बता दें कि शिवसेना के भीतर हुई फूट के चलते इस समय सरकार भी अल्पमत में नजर आ रही है । इस सबके बीच सरकार की ओर से ताबड़तोड़ कई फैसले लिए गए हैं , जिसपर अब विपक्ष ने इन फैसलों की जांच कराने की मांग राज्यपाल से की है । विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अल्पमत में होने के बाद भी 'अंधाधुंध' फैसले किए और सैंकड़ों करोड़ रुपये जारी करने का सरकारी आदेश दिया ।
विदित हो कि महाविकास अघाड़ी की सरकार में सहयोगी दल नेश्नलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस द्वारा नियंत्रित विभागों से 22-24 जून तक विभिन्न विकास संबंधी कार्यों के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने के सरकारी आदेश जारी करने के बाद राज्यपाल के दफ्तर ने जानकारी देने संबंधी निर्देश दिया ।
इस संबंध में राज्यपाल के दफ्तर द्वारा जारी पत्र के अनुसार, ''राज्यपाल ने 22-24 जून को राज्य सरकार द्वारा जारी जीआर, परिपत्रों के बारे में ''पूरी पृष्ठभूमि की जानकारी'' देने को कहा है।
असल में सुबे में पिछले करीब 10 दिनों से घमासान मचा हुआ है । शिवसेना के 39 से अधिक विधायक, एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बागी हो गए हैं । इन सभी विधायकों के साथ कई निर्दलीय और अन्य विधायक भी बागी गुट के साथ गुवाहाटी में मौजूद है।