न्यूज डेस्क । महाराष्ट्र की सियासत में एनसीपी नेता शरद पवार और उनके भतीजे और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बीच शह - मात का खेल जारी है । पल - पल दोनों ओर से सियासी समीकरण बदल रहे हैं। नए घटनाक्रम में बगावत के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को एक और झटका लगा है । पूर्व राज्यमंत्री और एनसीपी विधायक प्राजक्त तनपुरे ने अजित पवार से मुलाकात की है । उन्हें शरद पवार गुट का विधायक कहा जाता रहा है । एक अन्य विधायक दत्ता भरने ने भी आज अजित पवार से मुलाकात की है । विधान परिषद सभासद रामराजे निंबालकर और सांसद सुनील तटकरे ने भी अजित पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की । इसी क्रम में अजीत पवार के दक्षिण मुंबई में स्थित एनसीपी के नए दफ्तर का उद्घाटन किया ।
गुम हो गई थी दफ्तर की चाबी
असल में अजीत पवार ने दक्षिण मुंबई स्थित जिस इमारत में एनसीपी के नए दफ्तर का उद्घाटन किया , असल में उस बंगले में उद्धव गुट के नेता अब्बादास दानवे के PA रहते थे, जो अब चाबी ले कर गुम हो गए । इसके बाद अजीत पवार गुट के कार्यकर्ताओं ने दरवाजे को धक्का मारकर खोला, जिसके बाद उसे पार्टी का नया कार्यालय बनाया गया है । हालांकि दरवाजा खुलने से पहले अजीत पवार की टीम नए दफ्तर के बाहर कार में बैठी रही , बाद में वह अंदर आई ।
शरद पवार ने लीगल एडवाइजर से की मुलाकात
इस क्रम में भतीजे अजित पवार की बगावत के घायल'' शरद पवार भी एक्शन में नजर आ रहे हैं । बागियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चर्चा के लिए उन्होंने अपने लीगल एडवाइजर से मुलाकात की है । शरद पवार और सुप्रिया सुले ने सिल्वर ओक्स, मुंबई में अपने कानूनी सलाहकार प्रांजल अग्रवाल से कल रात मुलाकात की । बताया जा रहा है कि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी, पार्टी में विभाजन पर कानूनी राय मांग रही है।
फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शिवसेना विवाद
इस पूरे घटनाक्रम से इतर , महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की विधानसभा से अयोग्यता का मामला एक बार फिर से सामने आ गया है । उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता सुनील प्रभु ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है । उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सहयोगी विधायकों की अयोग्यता का मामला अभी तक स्पीकर के पास लंबित रहने का हवाला दिया है । याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी अभी तक स्पीकर ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ पार्टी से बगावत करने वाले विधायकों की अयोग्यता को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है ।