नई दिल्ली । लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर अपनी ही सरकार को घेरने वाले भाजपा सांसद वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है । इतना ही नहीं विनय कटियार को भी इससे हटा दिया गया है । जबकि हाल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिथुन चक्रवर्ती समेत कुछ अन्य को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया है । कार्यकारिणी की अलगी बैठक 7 नवंबर को आयोजित होगी ।
विदित हो कि भाजपा ने गुरुवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया है । इस कार्यकारिणी से कुछ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है , जबकि कुछ को मौका दिया गया है । अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 80 एक्जीक्यूटिव मेंबर हैं । इसके अलावा 50 विशेष आमंत्रित सदस्य तो 179 अस्थाई आमंत्रित सदस्य है । इन सबकों मिलाकर कुल 309 सदस्यीय कार्यकारिणी की घोषणा की गई है ।
बता दें कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाजपा के सभी केंद्रीय पदाधिकारी , सभी मोर्चों के अध्यक्ष , सभी मुख्यममंत्री , उपमुख्यमंत्री , सभी राष्ट्रीय प्रवक्ता , विधायक दल के नेता , सभी प्रदेश अध्यक्ष , पूर्व सीएम/ डिप्टी सीएम , राज्यों के प्रभारी , सह प्रभारी , राज्य सभा , लोकसभा के मुख्य सचेतक , संसदीय कार्यालय सचिव सदस्य होते हैं ।
असल में इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिथुन चक्रवर्ती को भी एक्जीक्यूटिव सदस्य बनाया गया है । इस बार 7 सदस्यों को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है तो 13 सदस्यों को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ।
कर्नाटक से आने वाले युवा सांसद तेजस्वी सुर्या को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है । वहीं तमिलनाडु से विधायक वनति श्रीनिवासन को महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है । राजकुमार चहर को किसान मोर्चा का अध्यक्ष तो लाल सिंह मोर्या को एससी मोर्चा का , समीर ओरांव को एसटी मोर्चा का , जमाल सिद्दिकी को अल्पसंख्यक मोर्चे का अध्यक्ष बनाया गया है ।