मेरठ । उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के रैकेट में पिछले दिनों मूल रूप से मुजफ्फरनगर निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) को मेरठ से गिरफ्तार किया गया । उससे पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं । जांच एजेंसी से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग का काम कलाम सिद्दीकी भी करता था । उसने अब तक हजारों लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया है , जिसके लिए उसने अब तक करोड़ों रुपयों की फंडिंग का काम भी संभाला है । हालांकि अब जांच में यह सामने आ गया है कि यह पैसा पाकिस्तान कनेक्शन के तहत उसे मिलता था । हर हिंदू को मुसलमान बनाने की सोच लिए यह मौलाना पाकिस्तान से टेक्निकल सपोर्ट भी पा रहा था ।
हवाला के जरिए विदेशी फंडिंग के आरोप
विदित हो कि यूपी एटीएस ने गत 20 जून को पकड़े गए उमर गौतम से पूछताछ की थी , जिसमें कलीम सिद्दीकी का नाम सामने आया था । इसके बाद अवैध धर्मांतरण केस के सिलसिले में मौलाना कलीम सिद्दीकी को मेरठ के लिसाडीगेट थाना इलाके से गिरफ्तार किया गया था । जमीयत-ए-वलीउल्लाह और ग्लोबल पीस सेंटर के प्रेसिडेंट कलीम सिद्दीकी पर अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने और हवाला से विदेशी फंडिंग पाने के संगीन आरोप हैं । खुलासा हुआ है कि मौलाना ने हवाला के जरिए 3 करोड़ रुपये की अवैध फंडिंग पाई , जिसमें डेढ़ करोड़ तो बहरीन से आए थे ।
मेरठ से बीएससी पास है सिद्दीकी
मौलाना कलीम सिद्दीकी बोलने में बहुत माहिर है । बताया जा रहा है कि वह मेरठ के कॉलेज से बीएससी किए हुए हैं । अभी तक की जांच में सामने आया है कि 65 वर्ष के करीब का यह मौलाना हर हिंदुस्तानी को मुसलमान बनाने की हसरत रखता था । हालांकि उसने अपना लक्ष्य इस धरती को मुसलमानों की धरती बनाने का रखा । यह भी कहा जा रहा है कि उसके नेटवर्क ने अब तक भारत में 5 लाख से ज्यादा अवैध धर्मांतरण कराए हैं ।
मौलाना के कई वीडियो इंटरनेट पर
मौलाना कलीम सिद्दीकी के दर्जनों वीडियो ऐसे मिल जाएंगे, जिसमें ये अपनी मिठी जुबान से हिंदुओं को मुसलमान बनाने की जिहादी कोशिश करते दिखेंगे । हालांकि इनके गुनाहों की कुंडली तब खुलनी शुरू हुई जब दवाह सेंटर वाले उमर गौतम ने इनका कच्चा चिट्ठा खोला । गौतम ने ही बताया था कि अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग का काम कलाम सिद्दीकी भी करता है ।
दिव्यांगों, गरीब-लाचारों, लड़कियों का अवैध धर्मांतरण
खुलासा हुआ है कि कलीम सिद्दीकी दिव्यांगों, गरीब-लाचारों, लड़कियों का अवैध धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का हिस्सा है । इस रैकेट को काम करने के लिए 57 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध फंडिंग हुई है । हालांकि यह इस पैसे का इस्तेमाल कैसे करता था इसका अभी हिसाब किताब खंगाला जा रहा है । इस मामले में मौलाना के बाद 10 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है । इनमें से 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है ।