नई दिल्ली । गृहमंत्रालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI पर अगले 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है । इतना ही नहीं पीएफआई से जु़ड़े 8 अन्य संगठनों पर भी सरकार ने शिकंजा कस दिया है । टेरर फंडिंग के साथ ही टेरर कनेक्शन से जुड़े सबूत मिलने का दावा करते हुए गृहमंत्रलाय ने UAPA के तहत इस संगठन पर बैन लगाने का ऐलान किया है । हालांकि पिछले कुछ दिनों से पीएफआई के दफ्तरों पर कई जांच एजेंसियों की संयुक्त टीमें छापे मार रही थीं , जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं । टेरर लिंक के पर्याप्त सबूत मिलने के बाद सरकार ने अब पीएफआई पर प्रतिबंध का ऐलान किया है । हालांकि सरकार की इस कार्रवाई को SDPI ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया है , वहीं कांग्रेस के एक नेता ने पीएफआई के साथ RSS पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है ।
इन संगठनों पर भी लगाया बैन
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया
रिहैब इंडिया फाउंडेशन
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया
ऑल इंडिया इमाम काउंसिल
NCHRO
नेशनल वीमेंस फ्रंट
जूनियर फ्रंट
एम्वायर इंडिया फाउंडेशन
छापेमारी में बरामद हुए कई अहम सबूत
असल में पिछले कुछ समय से एनआईए , ईडी समेत कई अन्य एजेंसियां पीएफआई पर नजर बनाए हुए थीं और उनके ठिकानों पर रेड भी मारी गई थी । एक बार फिर से सोमवार रात एनआईए ने देश भर में पीएफआई के ठिकानों पर रेड मारी थी । इन जगहों से कई आपत्तिजनक दस्तावेज समेत सामान बरामद हुआ था । पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई में सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों जैसे एक्सप्लोसिव और विस्फोटक कैसे बनाएं, इसके डॉक्यूमेंट मिले । इसके अलावा सीक्रेट चैट वाले कम्युनिकेशन सिस्टम मिले हैं । केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, PFI के काडर आतंकी और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं । उनके ISIS जैसे आतंकी संगठनों से संबंध हैं और एक समुदाय को कट्टर बनाने का गुप्त एजेंडा चला रहे थे ।
SDPI बोली - सरकार के खिलाफ बोलने पर कार्रवाई
वहीं इस मुद्दे पर पीएफआई का राजनीतिक दल SDPI का कहना है कि इस तरह का प्रतिबंध लोकतंत्र की हत्या होने की बात पुष्ट करता है । पीएफआई पर कार्रवाई इसलिए हुई है क्योंकि हमने सरकार के खिलाफ बोलना शुरू किया था ।
मुस्लिम संस्था ने किया स्वागत
पीएफआई पर बैन का सूफी खानकाह एसोसिएशन ने भी स्वागत किया है । संस्था के अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने कहा, मुसलमानों को समझना चाहिए कि पीएफआई देश विरोधी था । पीएफआई पर बैन के विरोध में लोगों को कोई प्रदर्शन नहीं करना चाहिए । पिछले कई वर्षों से सूफी खानकाह एसोसिएशन लगातार पीएफआई पर बैन की मांग कर रहा था. उसके बाकायदा इसके लिए अभियान छेड़ा हुआ था ।
गिरिराज ने किया ट्वीट
इस घटनाक्रम पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर लिखा..'बाय-बाय PFI' , वहीं भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में भी जिस प्रकार कई जिलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि PFI का इसमें हाथ था । कर्नाटक में जब सिद्धारमैया की सरकार थी, उस समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी । देश को अखंड रखने के लिए इसपर (PFI) बैन जरूरी था ।