नई दिल्ली । आखिरकार एक साल तक चले किसानों के आंदोलन को पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून रद्द करने का ऐलान करने के साथ खत्म करने की नींव रख दी है । लेकिन किसान नेताओं ने ''पिक्चर अभी बाकि है'' के संकेत दिए हैं । किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी के इस ऐलान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जहां जीत की खुशी जताई , वहीं साथ ही कहा कि किसान तत्काल सड़कों से नहीं हटेंगे । पहले तो यह तीनों काले कानून संसद से रद्द होने चाहिए , इतना ही नहीं सरकार को किसानों के और भी मुद्दों पर बात करनी चाहिए ।
अभी इंतजार करना होगा
राकेश टिकैत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने काले कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया है । लेकिन हम अपने आंदोलन के तत्काल वापस लेने नहीं जा रहे हैं । हमें उस दिन का इंतजार रहेगा , जिस दिन ये तीनों काले कानून संसद से रद्द होंगे । उन्होंने यह भी कहा कि हम चाहेंगे कि सरकार किसानों के एमएसपी के साथ ही अन्य मुद्दों पर भी बात करे ।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक थोड़ी देर में
विदित हो कि पीएम मोदी के ऐलान के बाद अब से थोड़ी देर बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की एक बैठक होने वाली है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी । हालांकि संयुक्त मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं ने पीएम मोदी का उनकी मांग मान लेने पर आभार प्रकट किया है। लेकिन वह अपना आंदोलन तत्काल खत्म करेंगे इसे लेकर संशय है । राकेश टिकैत ने जहां इसके संकेत दिए हैं , वहीं सिंधु बॉर्डर पर मौजूद किसान नेताओं ने भी संसद के सत्र में काले कानून रद्द होने के बाद ही सड़कों से हटने के संकेत दिए हैं ।
सरकार को संसद में बिल पास कराना होगा
बहरहाल , अब मोदी सरकार जब बैकफुट पर आ ही गई है तो सरकार को इन तीनों कृषि बिलों को रद्द कराने के लिए संसद की एक संवैधानिक प्रक्रिया से गुजरना होगा । असल में जब भी किसी बिल में संशोधन होता है या उसे रद्द करना होता है तो कानून मंत्रालय इस बिल को संबंधित मंत्रालय को भेजता है । मसलन इस मामले में कृषि मंत्रालय को यह बिल भेजा जाएगा । इसके बाद संबंधित मंत्रालय यह बिल रद्द कराने के लिए संसद में पेश करेगा । फिर इस बिल पर दोबारा से बहस होगी साथ ही इस पर वोटिंग होगी ।