नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना काल के चलते पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए एक बार फिर से राहत पैकेज का ऐलान किया है । वित्तमंत्री ने एक बार फिर से प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि हाल के आंकडे अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि हाल में जीएसटी कलेक्शन समेत कई आंकड़े पिछले कुछ महीनों की तुलना में बेहतर आए हैं । उन्होंने कहा कि सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का ऐलान कर दिया है । आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई है ताकि नये रोजगार का सृजन हो सके ।
क्या बोली वित्तमंत्री...
इसके संकेत रिजर्व बैंक ने दिए हैं कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है । उन्होंने कहा कि शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई है । एफपीआई का नेट निवेश भी सकारात्मक रहा है । विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है । रेलवे में माल ढुलाई में 20 फीसदी वृद्धि हुई है । इसी क्रम में बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई।
किसानों को राहत देने से अच्छे नतीजे
वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाये गये कदमों से मजदूरों को काफी फायदा हुआ है । इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है । उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभा उठाया है । इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं और 2.05 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी गई है । उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स विभाग ने सक्रियता और तेजी दिखाते हुए 1.32 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दिया है ।
2 लाख करोड़ के पैकेज का हुआ ऐलान
बुधवार को ही सरकार ने 10 सेक्टरों में मैन्युफैक्चरर्स के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव्स (PLI) की घोषणा की है. कोरोना संकट से अभी देश को मुक्ति मिलती नहीं दिख रही. राजधानी दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आये हैं. कई अन्य शहरों में भी कोरोना के मामले बढ़ते देखे गये हैं.
आत्मनिर्भर भारत का फायदा
वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाये गये कदमों से मजदूरों को काफी फायदा हुआ है. इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभा उठाया है । इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं और 2.05 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी गई है ।
क्यों आ रहा नया पैकेज
सूत्रों के मुताबिक इस पैकेज को तैयार करने के लिए इंडस्ट्री चैंबर्स और कॉरपोरेट जगत की राय ली गई है । सूत्रों ने इस पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन कहा कि इसका मकसद परेशान सेक्टर को राहत देना होगा । साथ ही इसमें रोजगार सृजन पर जोर होगा।
24 फीसदी की गिरावट आई थी...
विदित हो कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में करीब 24 फीसदी की गिरावट आई थी । इससे अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए सरकार कई राहत पैकेज का ऐलान कर चुकी है , लेकिन इन सब राहत पैकेज से अर्थव्यवस्था में बहुत सुधार होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं । हालांकि अर्थव्यवस्था में हाल में कई संकेतक बड़े सकारात्मक रहे, लेकिन उन्हें त्योहारी सीजन के दौरान होने वाली तात्कालिक बढ़त माना जा रहा है ।