नई दिल्ली । कांग्रेस के भीतर जारी घमासान के बीच जहां एक दिन पहले पार्टी के दिग्गज नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने सभी पदों के साथ पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया , वहीं अब पार्टी के कई अन्य नेताओं के इस्तीफे दिए जाने की आशंका जताई जा रही है। इस सबसे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में ही शुमार मनीष तिवारी ने भी पार्टी के कुछ नेताओं पर तंज कसते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं । मनीष तिवारी ने कहा कि मैं पार्टी का सदस्य हूं न कि कोई किरायेदार । मैंने पार्टी को अपने 42 साल दिए हैं । मुझे अपना काम और अपनी मंशा को साबित करने की कोई जरूरत नहीं है , न ही किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत है ।
धक्का मार बाहर निकालने की कोशिश करेंगे
विदित हो कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी उन नेताओं में से रहे हैं जिन्होंने कुछ साल पहले सोनिया गांधी के खिलाफ मोर्चा खोला था । जी23 में शामिल मनीष तिवारी ने कहा, 'हमें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. मैंने इस पार्टी को 42 साल दिए हैं । मैं यह पहले भी कह चुका हूं, हम इस संस्था (कांग्रेस) के किरायेदार नहीं हैं, हिस्सेदार हैं । अब अगर आप हमें धक्कामार कर बाहर निकालने की कोशिश करेंगे तो यह दूसरी बात है, और यह देखा जाएगा । उन्होंने कहा, 'दो साल पहले हम 23 लोगों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस की परिस्थिति चिंताजनक है जिसपर विचार करने की जरूरत है । कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है. अगर किसी को कुछ मिला वो खैरात में नहीं मिला है.'
'कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण की जरूरत'
मनीष तिवारी ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि 1885 से मौजूद भारत और कांग्रेस के बीच समन्वय में दरार आ गई है. आत्मनिरीक्षण की जरूरत थी. मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो यह स्थिति नहीं आती । गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर बात करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा, आजाद के त्याग पत्र की अच्छाई-बुराई में नहीं जाना चाहता । उन्होंने अपने तरीके से समझाने की पूरी कोशिश की । कांग्रेस नेताओं के चपरासी जब पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं तो यह हंसी का पात्र होता है ।
ऐसे लोग जज्बाती और खुद्दार होते हैं
वह बोले - उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज्बाती, खुददार लोग होते हैं । पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने की रही है । किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए ।