मुंबई । एनसीपी नेता और उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्री नवाब मलिक और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के बीच जारी जुबानी जंग अब आरोप प्रत्यारोप के ऐसे दौर में पहुंच गई है , जहां दोनों एक दूसरे पर बहुत गंभीर आरोप लगा रहे हैं । ताजा घटनाक्रम में नवाब मलिक ने फणनवीस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई में हजारों करोड़ की उगाही पूर्व मुख्यमंत्री के इशारे पर होती है । इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि फणनवीस के संरक्षण में फर्जी नोटों का धंधा चल रहा है ।
अपराधियों को दिए अहम पद
नवाब मलिक ने अपने आरोपों की झड़ी लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में फणनवीस की सरकार के दौरान पूर्व सीएम ने अपराधियों को अहम पदों पर बैठाया । इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले फोन के बाद अपराधियों के मामलों को सुलझाया गया । सीएम रहते हुए फणनवीस ने माफिया और अपराधियों को सरकारी कमिशन और बोर्ड में जगह दी । मुन्ना यादव नाम का नागपुर का गुंडा , जिसपर हत्या समेत कई मामलों में मुकदमे दर्ज हैं , उसे कंस्ट्रक्शन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया ।
बांग्लादेशियों को मुंबई में बसाने वाले को भी पद
इस दौरान उन्होंने कहा कि फणनवीस ने हैदर आजम नाम के उस शख्स को भी अहम पद पर बैठाया , जो बांग्लादेशियों को मुंबई में बसाने का काम करता है । उसकी दूसरी पत्नी बांग्लादेशी है , जिसकी मलाड पुलिस जांच भी हुई , लेकिन सीएम ऑफिस से फोन आने के बाद मामले को दबा दिया गया । ऐसे शख्स को फणनवीस ने फाइनेस कॉर्पोरेशन का अध्यक्ष बनाया गया है ।
फणनवीस के इशारे पर उगाही का खेल
नवाब मलिक बोले - देवेंद्र के इशारे पर मुंबई में उगाही का धंधा जारी है । चाहे बिल्डरों का मामला हो या किसी के झगड़े का , सब से उगाही की जाती है । इतना ही नहीं विदेशों से आने वाले अंडरववर्ल्ड के लोगों के फोन पर अपराधियों को छोड़ भी दिया जाता रहा है । पुलिस उनके मामलों को रफा दफा कर देती थी ।
नोटबंदी के एक साल तक जारी रहा नोटों का खेल
इस दौरान उन्होंने कहा कि 2016 में लगी नोटबंदी के एक साल बाद तक देश में पुराने नोटों का खेल जारी रहा । जहां पूरे देश से पुराने नोटों के खेल के मामले सामने आए , ऐसे में कैसे महाराष्ट्र से कोई मामला सामने नहीं आया था । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि देवेंद्र फणनवीस के संरक्षण में पुराने नोटों का खेल चल रहा था । फणनवीस के कहने पर ही 14 करोड़ 56 लाख रुपये की नकदी पकड़े जाने वाले मामले को दबा दिया गया , बाद में उसे सिर्फ 8 लाख 80 हजार रुपये का मामला बताया गया । इसमें पकड़े गए इमरान आलम शेख , आलम शेख को पकड़ा गया था , लेकिन फणनवीस के इशारे पर इन्हें जल्द जमानत मिल गई । इतना ही नहीं इस मामले की जांच एनआईए को नहीं दी गई ।
फणनवीस के आशीर्वाद से फर्जी नोटों का धंधा
एनसीपी नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फणनवीस के आशीर्वाद के उगाही के साथ ही फर्जी नोटों का धंधा भी चल रहा था । उन्होंने कहा कि जाली नोटों फणनवीस के इस धंधे में लिप्त होने के चलते ही फर्जी नोटों की जांच का मामला एनआईए को नहीं सौपा गया था । इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि फणनवीस एनसीबी के अफसर समीर वानखेड़े को बचाने में जुटे हुए हैं , क्योंकि वह उनके करीबी हैं ।