नई दिल्ली । मोदी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम से अब विपक्षी दलों के नेता बौखला गए हैं। पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न कोनों में अलग अलग सियासी दलों के नेताओं - उनके करीबियों के साथ ही कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई का शिकंजा कसता नजर आ रहा है । इस सबके मद्देनजर शुक्रवार को 14 विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं । इन दलों ने मोदी सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है । इन दलों का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बना रही है। बहरहाल , इस मामले में 5 अप्रैल को सुनवाई होगी ।
बता दें कि देश के कई विपक्षी दलों के नेता पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मोदी सरकार की कार्रवाई से परेशान हैं । हाल में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के परिवार पर नौकरी के बदले जमीन घोटाले के तहत छापेमारी हुई । ईडी ने इस छापेमारी में नकदी के साथ ही करोड़ों के जेवरात भी बरामद किए हैं । इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार का अभियान अन्य सियासी दलों के कुछ नेताओं पर भी भारी पड़ रहा है । ऐसे में सभी दल अपने आपसी मतभेद भूलकर एकजुट हो गए हैं ।
इसी क्रम में शुक्रवार को जांच एजेंसियों के दुरुपयोग' का आरोप लगाते हुए 14 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है । विपक्षी पार्टियों की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामला चीफ जस्टिस के सामने रखा । उन्होंने कहा, "हम किसी लंबित मामले में दखल की मांग नहीं कर रहे, लेकिन गिरफ्तारी और बेल पर कोर्ट दिशानिर्देश तय करे।