नई दिल्ली । कोरोना काल के बाद इस बार का संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा । संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCPA) ने बजट सत्र इस तारीख पर करने की सिफारिश की है। इस बार बजट सत्र दो हिस्सों में होगा । इसमें पहला भाग 29 जनवरी को शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा तो दूसरा 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा । इस दौरान कोरोना वायरस से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा । हालाकि संसद में आम बजट 1 फरवरी को ही पेश किया जाएगा , जबकि 29 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे ।
असल में इस साल कोरोना काल के चलते शीतकालनी सत्र नहीं बुलाया गया है । हालांकि सरकार के इस फैसले का विपक्ष ने जमकर विरोध किया और इसे दमनकारी नीति का हिस्सा कहा । विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी को पत्र लिखकर बताया था कि सभी दलों के नेताओं से चर्चा के बाद आम सहमति बनी थी कि कोरोना के चलते सत्र नहीं बुलाया जाना चाहिए ।
इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना था कि संसद का सत्र बुलाया जाना चाहिए, ताकि किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो सके । इसी क्रम में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने भी शीतकालीन सत्र न बुलाए जाने पर केंद्र के खिलाफ हल्ला बोला था । उन्होंने कहा था कि अगर विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, अगर पॉलिटिकल रैलियां हो सकती हैं , तो विंटर सेशन भी बुलाना चाहिए था. यह तानाशाही है और कुछ नहीं।'