नई दिल्ली । संसद के शीत सत्र में गुरुवार को भी जमकर हंगामा हुआ । हालांकि संसद के दोनों सदनों में चीन में कोरोना की स्थिति का असर नजर आया । दोनों की सदनों में सभापति के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी सांसद मास्क लगाए नजर आए । खुद सभापति ने सांसदों से मास्क लगाने की अपील की थी । हालांकि विपक्ष ने चीन के मुद्दे पर फिर से मोदी सरकार को घेरने की रणनीति के तहत सदन में हंगामा किया । चीन के तवांग मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्षी दलों के नेता नारेबाजी करने लगे , जिसके चलते सदन की कार्यवाही को रोकना भी पड़ा । बाद में विपक्ष के नेताओं ने सदन से वॉकआउट भी किया ।
संसद में कोरोना को लेकर सावधानी
संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को कोरोना का असर नजर आया । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन में प्रवेश कर रहे सभी सांसदों मंत्रियों और अधिकारियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया । जो भी सांसद बिना मास्क पहने अंदर जा रहे थे उन्हें मास्क दिया जा रहा था । लोकसभा अध्यक्ष ने सतर्कता और सावधनी बरतने की अपील की, उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों को देखते हुए सावधानी बरतना जरूरी है । राज्यसभा में भी तमाम सांसद मास्क पहने हुए नजर आए, वहीं सभापति भी मास्क पहने हुए थे ।
विपक्षी नेताओं ने की एकसाथ चर्चा
विदित हो कि मौजूदा रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में विपक्ष के नेता से मुलाकात की । इसके बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने चीनी घुसपैठ पर सरकार से चर्चा की मांग की । कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया , हालांकि इस पर चर्चा नहीं हो पाई । इसके बाद राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया ।
संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा नहीं होती
संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम चीन पर चर्चा चाहते हैं और पीयूष गोयल से माफी चाहते हैं । खड़गे ने कहा कि आप हमारी बात से परेशान हो रहे हैं, आप हमसे अकेले में बात करेंगे तो देश को पता नहीं चलेगा । इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि खरगे जो मुद्दा उठा रहे हैं उस पर पहले भी बताया जा चुका है कि इतिहास में ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई है । रक्षा मंत्री विस्तार से सदन को जानकारी दे चुके हैं ।
गोयल ने उठाया राजीव गांधी फाउंडेशन का मुद्दा
इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 1962 में इन्हीं के पार्टी से आए प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश का अगर एक हिस्सा अलग हो गया तो क्या बड़ी बात है क्योंकि वहां पर तो घास का एक तिनका भी नहीं उगता है । पीयूष गोयल ने एक बार फिर राजीव गांधी फाउंडेशन का मुद्दा राज्यसभा में उठाया. गोयल ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरा बिहार या बिहारियों के अपमान की कोई मंशा नहीं थी । बता दें कि गोयल ने इससे पहले अपने एक बयान में कहा था कि "इनका बस चले तो पूरे देश को बिहार बना देंगे।