पटना । केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मुखर हो चुके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंगलवार पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है । जातीय जनगणना के मुद्दे पर पटना हाईकोर्ट ने नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस जनगणना पर रोक संभी मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए राज्य सरकार के फैसले को सही करार दिया है । इससे पहले पटना हाई कोर्ट ने 4 मई को जाति आधारित गणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस पर अस्थायी रोक लगाई थी।
विदित हो कि याचिकाकर्ताओं के वकील दीनू कुमार ने बताया कि पटना हाई कोर्ट ने जाति आधारित गणना के बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अधिवक्ता दीनू कुमार ने कहा कि वह आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Suprme Court) का रुख करेंगे ।
वह बोले - 'पीठ ने खुली अदालत में कहा कि वह सभी याचिकाओं को खारिज कर रही है। हमें अभी इस आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है । फैसला देखने के बाद ही हम कुछ और कह सकेंगे. बेशक, फैसले का तात्पर्य यह है कि राज्य सरकार सर्वेक्षण कर सकती है. हालांकि, हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे ।
बता दें कि नीतीश सरकार (Nitish Govt) ने जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को पास कराया था । हालांकि, केंद्र सरकार जातीय गनगणना के विरोध में है और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दायर कर पहले ही साफ कर चुकी है कि जाति आधारित जनगणना नहीं कराई जाएगी ।