नई दिल्ली । हाल में केंद्र सरकार ने पेट्रोल - डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती की , जिसके बाद राज्य सरकारों ने भी वैट में कटौती करने का ऐलान किया था । इसके बाद पेट्रोल डीजल की कीमतों में 12 रुपये की कमी आने का सरकार की ओर से ऐलान किया गया था , लेकिन इस व्यवस्था को देश के सिर्फ 16 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेशों ने मानते हुए अपने प्रदेश की जनता को राहत दी है , लेकिन 12 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश ऐसा है , जिन्होंने आर्थिक नुकसान होने का हवाला देते हुए कीमतों में कटौती करने से मना कर दिया है । हालांकि मोदी सरकार के ऐलान के बाद कई विपक्षी दलों ने उन राज्यों में राहत नहीं दी है , जहां उनकी सरकारें हैं ।
असल में दीपावली पर केंद्र सरकार ने लोगों को राहत देते हुए पेट्रोल पर 5 रुपये तो डीजल पर 10 रुपये एक्साइड ड्यूटी कम करने का ऐलान किया था । इसके साथ ही राज्य सरकारों ने भी वैट में कटौती का ऐलान किया था , जिसके बाद ऐलान हुआ कि पेट्रोल और डीजल के दामों में 12-12 रुपये की कटौती की जा रही है ।
हालांकि तेल की कीमतों में एक बड़ी कटौती के ऐलान के साथ ही सियासत भी शुरू हो गई । ऐसे में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल में वैट में कोई कमी नहीं की है । इनमें शामिल हैं - शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस शासित महाराष्ट्र, आप शासित दिल्ली , टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल , डीएमके शासित तमिलनाडु , टीआरएस शासित तेलंगाना , इसके साथ ही विपक्षी दलों द्वारा शासित , केरल , झारखंड , मेघालय , पंजाब , राजस्थान , छत्तीसगढ़ , आंध्र प्रदेश व एक केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार । अकेली ओडिशा ऐसी सरकार है जहां पेट्रोल और डीजल पर 3 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है और वह विपक्षी दल की सरकार है ।
पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क घटने के बाद स्थानीय वैट कम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों में कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं लद्दाख शामिल हैं ।
भाजपा ने कहा कि जो राज्य लगातार केंद्र से तेल पर राहत चाहते थे आज वो अपने राज्यों में इस फैसले को लेने से पीछे हट रहे हैं । केरल उन राज्यों में सबसे आगे था जिसने वैट में कटौती से इनकार किया है । केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा, ‘इस मांग के पीछे कोई तर्क नहीं है कि केरल को वैट में कटौती करनी चाहिए। केंद्र प्रति लीटर ईंधन पर राज्य की तुलना में अधिक कर वसूलता है। यह कहना गलत होगा कि केरल में कीमतों में कोई अतिरिक्त कटौती नहीं की गई, क्योंकि केंद्र द्वारा डीजल पर 10 रुपये और पेट्रोल पर 5 रुपये की कटौती की गई तो केरल में पेट्रोल की कीमत 12.30 रुपये और डीजल 6.56 रुपये प्रति लीटर तक कम हो गया। अतिरिक्त कमी में केरल का योगदान है।