नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संविधान दिवस के असवर पर केवड़िया में जारी एक कार्यक्रम को संबोधित किया । इस दौरान उन्होंने मुंबई हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी । उन्होंने कहा- हम मुंबई हमले के जख्म को कभी भूल नहीं सकते । कहा कि 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोला था, इस हमले में कई लोगों की जान चली गई थी । पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत नई नीति-रीति के साथ आतंकवाद का सामना कर रहा है । इसके साथ ही पीएम मोदी ने एक बार फिर देश का ध्यान वन नेशन-वन इलेक्शन की ओर खींचा और इसे वक्त की जरूरत बताया ।
संविधान की रक्षा में न्यायपालिका की अहम भूमिका
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की रक्षा में न्यायपालिका की काफी बड़ी भूमिका है। 70 के दशक में इसे भंग करने की कोशिश की गई, लेकिन संविधान ने ही इसका जवाब दिया । इमरजेंसी के दौर के बाद सिस्टम मजबूत भी होता गया, उससे हमें काफी कुछ सीखने को मिला है।
वन इलेक्शन भारत की जरूरत
वह बोले - आज वन नेशन, वन इलेक्शन भारत की जरूरत है । देश में हर कुछ महीने में कहीं ना कहीं चुनाव हो रहे होते हैं, ऐसे में इसपर मंथन शुरू होना चाहिए । पीएम मोदी ने कहा कि अब हमें पूरी तरह से डिजिटलकरण की ओर बढ़ना चाहिए और कागज के इस्तेमाल को बंद करना चाहिए । आजादी के 75 साल को देखते हुए हमें खुद टारगेट तय करना चाहिए ।
हर नागरिक संविधान समझे
पीएम मोदी ने कहा हर नागरिक को संविधान को समझना चाहिए और उसके हिसाब से चलना चाहिए । लोगों को KYC यानी Know your Constitution पर बल देना चाहिए । विधानसभा की चर्चाओं के दौरान जनभागेदारी कैसे बढ़े, इसपर विचार करना चाहिए । जब सदन में किसी विशेष विषय पर चर्चा हो तो उनसे जुड़े लोगों को बुलाना चाहिए । वह बोले - कोरोना काल में देश के लोगों ने संविधान पर विश्वास होने के नाते समर्थन किया है ।