Friday, April 19, 2024

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पीएम मोदी बोले - देश में खेती को लेकर R&D का ज्यादातर योगदार पब्लिक सेक्टर का 

अंग्वाल न्यूज डेस्क
पीएम मोदी बोले - देश में खेती को लेकर R&D का ज्यादातर योगदार पब्लिक सेक्टर का 

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर में R&D को लेकर ज्यादातर योगदान पब्लिक सेक्टर का ही है। हमें अब किसानों को ऐसे विकल्प देने हैं जिसमें वो गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहे। ऑर्गेनिक फूड से लेकर सलाद से जुड़ी सब्जियों तक, ऐसी अनेक फसलें हैं, जो हम आजमा सकते हैं। वह बोले - आज हमें कृषि के हर सेक्टर में हर खाद्यान्न, फल, सब्जी, मत्स्य सभी में प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले। खेत से प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारनी ही होगी। अपने संबोधन में पीएम मोदी बोले - कृषि में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग लंबे समय से किसी न किसी रूप में की जा रही है। यह सिर्फ व्यापार बनकर न रहे, बल्कि उस जमीन के प्रति जिम्मेदारी को भी हम निभाएं। हमें किसानों को ऐसे बीज उपलब्ध कराने हैं, जो जमीन के लिए हेल्दी हों और पोषण की मात्रा भी अधिक हो।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा - हमें अब किसानों को ऐसे विकल्प देने हैं जिसमें वो गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहे। ऑर्गेनिक फूड से लेकर सलाद से जुड़ी सब्जियों तक, ऐसी अनेक फसलें हैं, जो हम आज़मा सकते हैं । इसी क्रम में उन्होंने कहा - ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत किसान रेल के लिए सभी फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। किसान रेल भी आज देश के कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का सशक्त माध्यम बनी है । हमें देश के एग्रीकल्चर सेक्टर का, Processed Food के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा।


वह बोले - हमें गांव के पास ही Agro-Industries Clusters की संख्या बढ़ानी ही होगी ताकि गांव के लोगों को गांव में ही खेती से जुड़े रोज़गार मिल सकें। खेत से Processing Unit तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारी जाए , Processing unit की हैंड होल्डिंग, Farmer Producer Organisations मिलकर करें । 

मोदी ने कहा - लगातार बढ़ते हुए कृषि उत्पादन के बीच, 21वीं सदी में भारत को Post Harvest क्रांति या फिर Food Processing क्रांति और Value Addition की आवश्यकता है। देश के लिए बहुत अच्छा होता अगर ये काम दो-तीन दशक पहले ही कर लिया गया होता। 

 

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